झारखंड की 28 वर्षीय विधायक बोलीं, UPSC का सपना अधूरा रहने का हमेशा रहेगा मलाल
यूपीएससी की तैयारी बीच में छोड़कर राजनीति में कदम रखने और झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सबसे कम उम्र की विधायक बनने वाली अंबा प्रसाद ने कहा कि यूपीएससी का सपना अधूरा रहने का मलाल रहेगा। बता दें कि माता, पिता और भाई पर मामला दर्ज होने के बाद अंबा को परिस्थितिवश राजनीति में कदम रखना पड़ा।
नयी दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा की तैयारी बीच में ही छोड़कर राजनीति में कदम रखने और हालिया झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सबसे कम उम्र की विधायक बनने वाली अंबा प्रसाद ने बृहस्पतिवार को कहा कि सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने का सपना अधूरा रहने का उन्हें हमेशा मलाल रहेगा।
इसे भी पढ़ें: झारखंड विस चुनाव: AAP के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त, NOTA से भी कम मत मिले
राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली 28 वर्षीय अंबा कुछ महीने पहले तक दिल्ली में रहकर यूपीएसी की तैयारी कर रही थीं, लेकिन माता, पिता और भाई पर मामला दर्ज होने के बाद उन्हें परिस्थितिवश राजनीति में कदम रखना पड़ा। उन्होंने झारखंड के बड़कागांव विधानसभा सीट सेअपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आजसू पार्टी के प्रत्याशी रोशनलाल चौधरी को हरा कर जीत दर्ज की।
अंबा ने कहा कि देश के लाखों युवाओं की तरह मेरा सपना भी यूपीएससी परीक्षा पास कर अधिकारी बनने का था। इसी वजह से मैंने दिल्ली में रहकर तैयारी की और एक बार प्रारंभिक परीक्षा पास भी की। हालात ऐसे बन गए कि मुझे राजनीति में कदम रखना पड़ा है और मैं यूपीएससी परीक्षा पास नहीं कर सकी। मेरा यह सपना अधूरा रह गया। इसका मलाल मुझे हमेशा रहेगा।
इसे भी पढ़ें: सोनिया और राहुल से मिले हेमंत सोरेन, शपथ ग्रहण में शामिल होने का दिया न्योता
एलएलबी की डिग्री रखने वाली अंबा के मुताबिक उनके पिता योगेंद्र साहू 2009 में और मां निर्मला देवी ने 2014 में चुनाव जीता था, लेकिन ‘‘कफन सत्याग्रह’’ के दौरान माता-पिता को जेल भेज दिया गया। बाद में उनके भाई पर भी मुकदमा हो गया। इसके बाद दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी में बीच में ही छोड़कर घर लौटना पड़ा। घर लौट कर अंबा प्रसाद ने हजारीबाग कोर्ट में ही वकालत शुरू कर दी और माता-पिता और भाई पर दर्ज मुकदमों को उन्होंने देखना शुरू कर दिया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने राजनीतिक आदर्श के तौर पर देखने वाली अंबा कहती हैं कि चाहे शहर हो या गांव, हर जगह युवा परेशान हैं। हमारी लड़ाई तो जल, जंगल और जमीन की है। इसी बुनियाद पर झारखंड की जनता ने हमें आशीर्वाद दिया है। हमें आशा है कि नयी सरकार राज्य की जनता की अकांक्षाओं को पूरा करेगी।
अन्य न्यूज़