Sabarmati Jail से अतीक अहमद को लेकर कड़ी सुरक्षा के बीच रवाना हुई UP Police की टीम, सफेद कपड़ों में साफा पहनकर जेल से निकला बाहर
बाहुबली अतीक अहमद को लेकर गुप्त मार्ग से यूपी पुलिस गुजरात स्थित साबरमती जेल से निकल चुकी है। यूपी पुलिस का काफिला अतीक अहमद को लेकर आगे की तरफ पहुंच रहा है। अतीक अहमद की 28 मार्च की सुबह 11 बजे एमपी एमलएलए कोर्ट में पेशी है।
बाहुबली नेता अतीक अहमद को गुप्त मार्ग से लेकर यूपी पुलिस की टीम साबरमती जेल से रवाना हो गई है। अहमदाबाद की साबरमती जेल से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तक का पूरा सफर तय किया जाएगा। जेल से लगभग छह गाड़ियों के काफिले में अतीक अहमद को यूपी के प्रयागराज ले जाया जाएगा। छह गाड़ियों में से दो वज्र वाहन भी शामिल है।
अब तक ये सामने नहीं आया है कि अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश किस रास्ते से लाया जाएगा। गुजरात से उत्तर प्रदेश तक आने के दो रास्ते हैं जिनमें से एक रास्ते से उत्तर प्रदेश तक बाहुबली नेता को लाया जाएगा। अतीक अहमद को ले जाने के लिए 45 पुलिसकर्मियों की टीम साबरमती जेल पहुंची थी। जेल से बाहर निकलने से पहले अतीक अहमद का मेडिकल टेस्ट करवाया गया था, जिसके बाद रिपोर्ट नॉर्मल आने के बाद उसे जेल से बाहर निकाला गया।
बता दें कि अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ दोनों के खिलाफ उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है। अतीक का भाई अशरफ बरेली जेल में बंद है। दोनों की ही 28 मार्च को कोर्ट में पेशी होनी है। इसके लिए ही अतीक अहमद को साबरमती जेल से ले जाया जा रहा है, जिसमें की 36 घंटों का समय लगेगा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम माफिया एवं राजनेता अतीक अहमद को ले जाने के लिए रविवार को गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती केंद्रीय जेल पहुंची थी। अतीक इस जेल में जून 2019 में बंद है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, फरवरी में हुई एक हाई-प्रोफाइल हत्या के मुख्य आरोपी अहमद को संभवत: अपने राज्य ले जाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस यहां पहुंची है।
पुलिस अधीक्षक (साबरमती जेल) जे एस चावड़ा ने कहा, “उत्तर प्रदेश पुलिस दोषी अतीक अहमद (को ले जाने) के लिए साबरमती केंद्रीय जेल में है।” चावड़ा ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक गुजरात पुलिस को आधिकारिक कागजात जमा नहीं किए हैं। अहमद 2005 में तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है। उसके खिलाफ उमेश पाल की हत्या के मामले में हाल ही में मुकदमा दर्ज किया गया था। उमेश पाल, राजू पाल की हत्या का मुख्य गवाह था। 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
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