माँ दुर्गा को विदाई देने लिए भक्तों का अनोखा रूप, जलते अंगारों पर नंगे पैर चलकर करते है विसर्जन

Devotees of ma durga
सुयश भट्ट । Oct 15 2021 12:19PM

इन अंगारों पर आज तक कभी कोई भक्त न तो चोटिल हुआ है और न ही कोई दुर्घटना हुई है। भक्तों में आस्था भी ऐसी है कि दहकते अंगारों पर बच्चे भी बेखौफ होकर निकल जाते हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले में नवरात्र के अंतिम दिन नवमी को माता विदाई के साथ चूल का आयोजन किया जाता है। आस्था और भक्ति के कई रूपों में से एक यह भी रूप है। जहां भक्त अंगारों पर चलकर भक्ति की अग्नि परीक्षा देते हैं। इससे देखने के लिए जिले भर से श्रद्धालु आते हैं।

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आपको बता दें कि नवरात्र में घट स्थापना से लेकर नवमी तक लोग मां की आराधना करते हैं। इन दिनों यहां गरबा, रास और अन्य कार्यक्रम आयोजित होते हैं। विसर्जन के दौरान दिनभर हवन-पूजन का कार्यक्रम होता है। जिसके बाद शाम को चूल का आयोजन किया जाता है। इसे ग्रामीण वाड़ी विसर्जन कहते हैं।

वहीं नवमी के दिन करीब ढाई फीट चौड़ी और आठ फीट लंबा गड्‌ढा खोदा जाता है। इसमें सूखी लकड़ियां डालकर दहकते अंगारों में परिवर्तित किया जाता है। जिसके बाद ग्रामीण इसमें देसी घी डालकर अंगारों को दहकाया जाता है।

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जानकारी के मुताबिक इन अंगारों पर आज तक कभी कोई भक्त न तो चोटिल हुआ है और न ही कोई दुर्घटना हुई है। भक्तों में आस्था भी ऐसी है कि दहकते अंगारों पर बच्चे भी बेखौफ होकर निकल जाते हैं।

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