केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने खुद को किया था quarantine, नेगेटिव निकला जांच रिपोर्ट

Muralidharan

संक्रमित डॉक्टर से सीधे संपर्क में आए 20 से 25 डॉक्टरों समेत संस्थान के कम से कम 76 कर्मचारियों को पृथक रखा गया है। संक्रमित डॉक्टर फिलहाल तिरुनवंतपुरम के जनरल हॉस्पिटल के अलग वार्ड में निगरानी में हैं।

नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री वी.मुरलीधरन ने कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने की आशंका के चलते खुद को एहतियात के तौर पर पृथक कर लिया है। विदेश राज्य मंत्री 14 मार्च को तिरुवनंतपुरम के श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एससीटीआईएमटी) गए थे। इस संस्थान में स्पेन से लौटे एक डॉक्टर के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पिछले शनिवार को मैंने एक मेडिकल संस्थान के शोध विभाग का दौरा किया था जिस अस्पताल में बाद में कोविड-19 के मामले की पुष्टि हुई थी। एहतियात के तौर पर मैंने तब से खुद को घर में अलग- थलग कर लिया। कोविड-19 के लिए मेरी जांच रिपोर्ट नकारात्मक आई है।’’ मुरलीधरन ने कहा, ‘‘डरने की जरूरत नहीं है। एहतियात बरतने की जरूरत है।’’

सूत्रों ने पहले बताया था कि केरल से भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरलीधरन ने एहतियात के तौर पर खुद को अपने दिल्ली स्थित आवास पर पृथक रखने का विकल्प चुना है। हालांकि, एससीटीआईएमटी निदेशक डॉ आशा किशोर ने कहा कि मंत्री संक्रमित डॉक्टर के संपर्क में आए थे, ये खबरें “पूरी तरह गलत” हैं। उन्होंने बताया कि रेडियोलॉजी विभाग के संक्रमित डॉक्टर में कोई लक्षण नजर नहीं आए थे और उन्हें कोरोना वायरस प्रकोष्ठ ने क्लीन चिट दी थी। वह 10 या 11 मार्च के बाद से घर में ही अलग रह रहे थे। निदेशक ने बताया कि मंत्री के साथ मुलाकात 14 मार्च को हुई थी। केवल चार अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की और उनमें से कोई भी संक्रमित डॉक्टर के संपर्क में नहीं आए थे। उन्होंने कहा, “मंत्री अलग वक्त में अलग इमारत में गए थे और केवल चार लोग उनसे मिले थे और यह छुट्टी का दिन था तथा कोई भी मरीज के साथ संपर्क में नहीं आया था। यह पूरी तरह गलत खबर है।”

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किशोर ने कहा, “हमने सीधे मंत्री से बात की और उन्हें बताया और उन्हें इसकी जानकारी है। वह अस्पताल नहीं गए थे। संक्रमित चिकित्सक की जांच उस वक्त नहीं हुई थी और उन्हें घर में अलग रखा गया।” क्या मंत्री ने संस्थान से किसी तरह की सफाई मांगी है, यह पूछने पर निदेशक ने न में जवाब दिया। किशोर ने बताया, “हमने मरीज के संक्रमित पाए जाने के फौरन बाद मंत्री को सूचित किया। मंत्री किसी भी तरह संपर्क में नहीं आए। वह संपर्क की किसी परिभाषा के तहत नहीं आते। उन्हें भी इसकी सूचना दे दी गई।” संक्रमित डॉक्टर से सीधे संपर्क में आए 20 से 25 डॉक्टरों समेत संस्थान के कम से कम 76 कर्मचारियों को पृथक रखा गया है। संक्रमित डॉक्टर फिलहाल तिरुनवंतपुरम के जनरल हॉस्पिटल के अलग वार्ड में निगरानी में हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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