मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी, विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करेगा ब्रिटेन
इस बीच भारत सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत, विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन सरकार के फैसले का स्वागत करता है, उसे अब कानूनी प्रक्रिया के शीघ्र पूरा होने का इंतजार है।
लंदन। ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावीद ने शराब कारोबारी विजय माल्या को करारा झटका देते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है। गृह कार्यालय ने सोमवार को बताया कि धोखाधड़ी की साजिश और धनशोधन के अपराध के आरोपों में गृह मंत्री ने माल्या के प्रत्यर्पण के आदेश दिए। लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 10 दिसंबर 2018 को कहा था कि 63 साल के कारोबारी माल्या को भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देना होगा।
UK Secretary of State approves Vijay Mallya’s extradition to India pic.twitter.com/8uICSKS6JS
— Doordarshan News (@DDNewsLive) February 4, 2019
इस बीच भारत सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत, विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन सरकार के फैसले का स्वागत करता है, उसे अब कानूनी प्रक्रिया के शीघ्र पूरा होने का इंतजार है।
ब्रिटेन में पाकिस्तान मूल के वरिष्ठतम मंत्री जावीद के कार्यालय ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की कि सारे मामलों पर विचार करने के बाद मंत्री ने रविवार को माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर दस्तखत कर दिए। गृह कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘सभी प्रासंगिक मामलों पर विचार करने के बाद तीन फरवरी को मंत्री ने विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर दस्तखत कर दिए।’’ प्रवक्ता ने कहा, ‘‘विजय माल्या पर भारत में धोखाधड़ी की साजिश, गलत जानकारी देने और धनशोधन के अपराध करने के आरोप हैं।’’
अप्रैल 2017 में स्कॉटलैंड यार्ड की ओर से तामील कराए गए प्रत्यर्पण वॉरंट पर माल्या जमानत पर है। यह वॉरंट उस वक्त तामील कराया गया था जब भारतीय अधिकारियों ने किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख माल्या को 9,000 करोड़ रुपए की रकम की धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में आरोपित किया था। माल्या के पास अब ब्रिटेन की हाई कोर्ट में अपील की अनुमति के लिए अर्जी देने की खातिर चार फरवरी से अगले 14 दिनों का वक्त है।
किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख ने शुरूआत में संकेत दिए थे कि वह अपने भारत प्रत्यर्पण को लेकर वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत के फैसले के खिलाफ अपील के लिए अर्जी दाखिल करने की मंशा रखते हैं।
दिसंबर 2018 में लंदन में चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बथनॉट की अदालत के फैसले के तुरंत बाद माल्या ने कारोबारियों से कहा था कि वह फैसले का विस्तार से अध्ययन करेंगे और अपना आगे का कदम तय करेंगे। बाद में उनकी कानूनी टीम ने पुष्टि की कि वह अदालत के आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति हासिल करेंगे। ब्रिटेन स्थित बुटीक लॉ एलएलपी में साझेदार आनंद दूबे ने कहा, ‘‘डॉ. माल्या अब अदालत के फैसले पर विचार करने में सक्षम हैं और उचित समय पर अपील की अनुमति हासिल करने के लिए अर्जी दाखिल करने की मंशा रखते हैं।’’ दूबे प्रत्यर्पण प्रक्रिया में माल्या के वकील रहे हैं।
Modi Government clears one more step to get Mallya extradited while Opposition rallies around the Saradha Scamsters.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 4, 2019
उधर, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत को सौंपने के ब्रिटेन के आदेश को मोदी सरकार की कामयाबी बताते हुए विपक्ष पर तंस कसा है। उन्होंने कहा कि वह घोटालेबाजों के पक्ष में लामबंद हो रहा है। जेटली ने सोमवार को ट्वीट में कहा, "मोदी सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण की दिशा में एक और बाधा पार की जबकि विपक्षी दल शारदा घोटालेबाजों के पक्ष में एकजुट हो रहे हैं।" जेटली इस समय इलाज के लिए अमेरिका में हैं।
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