UGC-NET 2024: केंद्र ने रद्द क्यों की नेट परीक्षा? कैसे आयोजित होता है ये एग्जाम, जानें यहां...

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रितिका कमठान । Jun 20 2024 12:54PM

यूजीसी-नेट या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा, भारत भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर या जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर के रूप में भूमिकाओं के लिए भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित करती है। जेआरएफ प्रदान करना या सहायक प्रोफेसर पद के लिए पात्रता, यूजीसी-नेट के पेपर-I और पेपर-II में अभ्यर्थी के संयुक्त प्रदर्शन पर निर्भर है।

यूजीसी नेट परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। ये परीक्षा गृह मंत्रालय के फैसले के बाद रद्द की गई है। वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा यूजीसी-नेट परीक्षा की सत्यनिष्ठा पर चिंता जताए जाने के बाद इसे रद्द कर दिए जाने के बाद लगभग 11 लाख विद्यार्थियों को दोबारा परीक्षा देनी होगी। परीक्षा की नई तारीखें जल्द ही घोषित की जाएंगी।

जानें क्या है यूजीसी-नेट?

यूजीसी-नेट या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा, भारत भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर या जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर के रूप में भूमिकाओं के लिए भारतीय नागरिकों की पात्रता निर्धारित करती है। जेआरएफ प्रदान करना या सहायक प्रोफेसर पद के लिए पात्रता, यूजीसी-नेट के पेपर-I और पेपर-II में अभ्यर्थी के संयुक्त प्रदर्शन पर निर्भर है। वहीं जो अभ्यर्थी केवल सहायक प्रोफेसर पद के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं, उन्हें संबंधित विश्वविद्यालयों, कॉलेजों या राज्य सरकारों के भर्ती नियमों का पालन करना होगा।

 

एनटीए के बारे में भी जानें

भारतीय सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत नवंबर 2017 में स्थापित राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) एक स्वायत्त निकाय है, जिसका कार्य उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करना है। एनटीए NEET, JEE, CTET, GATE, GPAT, GMAT, CAT और UGC-NET जैसी परीक्षाएं आयोजित करता है। एजेंसी के अध्यक्ष मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक प्रख्यात शिक्षाविद् होते हैं, वर्तमान में यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी इसके अध्यक्ष हैं।

 

यूजीसी-नेट कैसे आयोजित किया जाता है?

एनटीए को यूजीसी नेट परीक्षा लेने का अधिकार है। हर वर्ष यह परीक्षा वर्ष में दो बार (जून और दिसंबर) आयोजित की जाती है। बता दें कि दिसंबर 2018 से, यूजीसी-नेट का आयोजन एनटीए द्वारा कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड में किया जा रहा है। हालाँकि, इस बार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) एक ही दिन - 18 जून को पेन-एंड-पेपर मोड में आयोजित की गई, जिसमें रिकॉर्ड 11 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया।

केंद्र ने यूजीसी-नेट क्यों रद्द किया?

शिक्षा मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से प्राप्त इनपुट के आधार पर यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द करने की घोषणा की। बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया कि इन सूचनाओं से परीक्षा की सत्यनिष्ठा में संभावित जोखिम का संकेत मिलता है।

बयान में कहा गया है कि परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और पवित्रता बनाए रखने के लिए मंत्रालय ने परीक्षा रद्द करने और नए सिरे से परीक्षा चक्र शुरू करने का फैसला किया है। इस मामले को गहन जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भी भेज दिया गया है। 

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