मनीष सिसोदिया की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, मानहानि केस में असम की कोर्ट ने जारी किया समन
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने सरमा पर आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी रिंकी भुइयां सरमा के स्वामित्व वाली कंपनी जेसीबी इंडस्ट्रीज ने कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान असम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों को ‘‘बाजार से अधिक कीमत’’ पर पीपीई किट्स की आपूर्ति करवाई की थी।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, मानहानि मामले में असम की एक कोर्ट की ओर से उन्हें समन जारी किया गया है। पूरा का पूरा मामला असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से जुड़ा हुआ है। मनीष सिसोदिया के खिलाफ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मानहानि का केस दायर किया था। इसी को लेकर कामरूप की सीजेएम अदालत ने 29 सितंबर को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को समन भेजा है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने सरमा पर आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी रिंकी भुइयां सरमा के स्वामित्व वाली कंपनी जेसीबी इंडस्ट्रीज ने कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान असम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों को ‘‘बाजार से अधिक कीमत’’ पर पीपीई किट्स की आपूर्ति करवाई की थी।
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सरमा ने खुद पर लगे इन आरोपों को निराधार बताते हुए सिसोदिया के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज करवाया था। सिसोदिया ने सरमा पर कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान असम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों को बाजार से अधिक कीमतों पर पीपीई किट्स की आपूर्ति करने का आरोप लगाया था। सिसोदिया के खिलाफ यह मुकदमा कामरूप ग्रामीण जिले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दर्ज किया गया था। मामले कोशिकायतकर्ता का प्रारंभिक बयान दर्ज करने के लिए 22 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया था। सरमा के वकील देवोजीत सैकिया ने कहा था कि,“मनीष सिसोदिया ने चार जून को नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उनके मुवक्किल हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
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मनीष सिसोदिया ने विशेष रूप से दावा किया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सरमा की पत्नी के सह-स्वामित्व वाली कंपनी से अधिक कीमत पर पीपीई किट की खरीद की थी। यह खरीद 2020 में कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान की गई थी। उस समय सरमा असम के स्वास्थ्य मंत्रीथे। सैकिया ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा, सरमा ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से व्यथित होने और बाद में मामले पर कोई स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करने का फैसला किया है। उन्होंने दावा किया कि जेसीबी इंडस्ट्रीज ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को ये पीपीई किट दान में दिए थे।
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