इंद्र के वज्र से प्रहार, भगवान शिव के त्रिशूल से संहार, LAC पर ड्रैगन की हर हिमाकत का जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह तैयार

चीन तार लगे पत्थरों और डंडों का इस्तेमाल करता है। उस हमले का कहीं घाटक जवाब अब भारत की तरफ से मिलेगा। भारतीय सैनिकों को नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों से निपटने के लिए गैर घातक हथियार प्रदान किए गए हैं।
एलएसी पर चीन को जवाब देने के लिए भारत ने विशेष हथियार बनाए हैं। भारतीय सेना ने ड्रैगन के लिए कई तरह के पारंपरिक हथियार तैयार किए हैं। इन हथियारों से ड्रैगन की हर हिमाकत का अब जवाब मिलेगा। एलएसी पर सेना वज्र, त्रिशूल और सैपरपंच जैसे हथियारों का इस्तेमाल करेगी। चीन तार लगे पत्थरों और डंडों का इस्तेमाल करता है। उस हमले का कहीं घाटक जवाब अब भारत की तरफ से मिलेगा। भारतीय सैनिकों को नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों से निपटने के लिए गैर घातक हथियार प्रदान किए गए हैं। ये हथियार भगवान शिव के त्रिशूल जैसे पारंपरिक भारतीय हथियार है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नोएडा स्थित एक स्टार्ट-अप को चीनी आक्रमण को विफल करने के लिए एलएसी पर तैनात सुरक्षा बलों के लिए पारंपरिक हथियार बनाने का काम सौंपा गया था। भारतीय सेना ने इस कंपनी को यह काम सौपा था।
मेक इन इंडिया के तहत इन हथियारों को बनाने का काम मिला
मेक इन इंडिया के ज़रिए नोएडा स्थित अपेस्टरॉन प्राइवेट लिमिटेड को सुरक्षा बलों से इन हथियारों को बनाने का काम मिला। अपेस्टरॉन प्राइवेट लिमिटेड के चीफ टेक्वोलॉजी ऑफिसर मोहित कुमार ने एएनआई को बताया कि हमें भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा गैर-घातक उपकरण विकसित करने के लिए कहा गया था, क्योंकि चीन ने हमारे सैनिकों के खिलाफ गलवान संघर्ष में तार की छड़ें और टेसर का इस्तेमाल किया था।
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त्रिशूल: देवों के देव महादेव का शस्त्र त्रिशूल जिसे एक बेहद ही खतरनाक हथियार माना जाता है। त्रिशूल की तेज नोक इंसान के शरीर से पलभर में आर-पार हो जाती है।
वज्र: कंपनी ने स्पाइक्स के साथ मेटल रोड टेजर बनाया है जिसे वज्र नाम दिया गया है। जिसमें दुश्मन को ज़ोर का झटका देने के लिए करंट है। पारंपरिक हथियार का इस्तेमाल सेना द्वारा दुश्मन सैनिकों पर आक्रामक रूप से हमला करने के साथ-साथ उनके बुलेट-प्रूफ वाहनों को पंचर करने के लिए भी किया जा सकता है।
सैपर पंच: शीतकालीन सुरक्षा दस्ताने की तरह पहना जा सकता है और दुश्मन को वर्तमान निर्वहन के साथ एक या दो झटका देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ये क़रीब 8 घंटे तक बिजली से चार्ज रह सकता है।
A UP-based firm has developed non-lethal weapons inspired by traditional Indian weapons for security forces
— ANI (@ANI) October 18, 2021
Security forces asked us to develop non-lethal weapons after the Chinese used wired sticks, tasers against our soldiers in Galwan clash: Mohit Kumar, CTO, Apastron Pvt Ltd pic.twitter.com/5rOinDuGIK
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