पूरे घर को बदल डालूंगा वाला ट्राई एंड टेस्टेड फॉर्मूला हरियाणा में भी रहा HIT, धामी-पटेल के बाद अब सैनी इसका सटीक उदाहरण
2024 चुनाव से ठीक पहले सीएम पद पर नायाब सिंह सैनी की ताजपोशी हुई और खट्टर को केंद्र में बुला लिया गया। इसे एंटी इनकमबेंसी को पाटने की कवायद के तौर पर देखा गया। कमोबेश ऐसा ही प्रयोग बीजेपी की तरफ से उत्तराखंड और गुजरात में आजवाया जा चुका है।
नब्बे के दशक का हिट विज्ञापन जब घर का एक बल्ब फ्यूज हो जाता है तो असरानी बल्ब खरीदने निकल पड़ते हैं। दुकानदार उनको बल्ब-ट्यूब बनाने वाली पॉपुलर ब्रांड कंपनी के बल्बों के टिकाऊपन के बारे में बताता है, तो जोश में आकर वह बोल उठते हैं- ‘पूरे घर के बदल डालूंगा!’ बीजेपी की तरफ से इसी तर्ज पर चुनाव से पहले सीएम और कैबिनेट को बदलने का कदम उठाया जाता रहा है। अक्सर से हिट भी साबित हुआ है। हरियाणा इसका एक और सफल उदाहरण बनकर सामने आया है। 2024 चुनाव से ठीक पहले सीएम पद पर नायाब सिंह सैनी की ताजपोशी हुई और खट्टर को केंद्र में बुला लिया गया। इसे एंटी इनकमबेंसी को पाटने की कवायद के तौर पर देखा गया। कमोबेश ऐसा ही प्रयोग बीजेपी की तरफ से उत्तराखंड और गुजरात में आजवाया जा चुका है।
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गुजरात से दिल्ली तक
गुजरात में नरेंद्र मोदी की शैली थी कि वो विधानसभा चुनाव में कई विधायकों का टिकट काट देते थे। सरकार में नियमित अंतराल पर बड़ा बदलाव करते थे। इससे वह लोकल एमएलए के खिलाफ या उनकी सरकार के खिलाफ उपजे एंटी इनकंबेंसी को पूरी तरह काउंटर कर देते थे। फिर राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखते ही कुछ इसी तरह का बदलाव दिल्ली के नगर निगम चुनाव में देखने को मिली।
पटेल और धामी इसके सफल उदाहरण
गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने वहां सीएम सहित पूरे कैबिनेट को ही बदल दिया था। चुनाव से कुछ महीने पहले ही विजय रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को राज्य की कमान सौंपी गई। भारतीय जनता पार्टी ने भूपेंद्र पटेल के मंत्रिपरिषद में 24 नए सदस्यों को शामिल किया। इन नए मंत्रियों में 21 पहली बार के मंत्री थे। नतीजतन 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 156 सीटें जीत ली हैं। यह राज्य में किसी पार्टी का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।
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उत्तराखंड में भी रहा कारगर
उत्तराखंड के बीजेपी के शासन में पांच साल के दौरान तीन-तीन मुख्यमंत्री देखने को मिले। 2017 में सत्ता संभालने के बाद से दो मुख्यमंत्रियों को बदले जाने के बाद बीजेपी ने चुनाव से छह महीने पहले ही पुष्कर सिंह धामी पर भरोसा जताया। उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा के चुनाव में पहली बार कोई भी पार्टी दोबारा सत्ता हासिल करने में कामयाब हो गई। वोटरों ने 2022 के चुनाव में कुल 70 में से 47 सीटें बीजेपी को थमा दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट से भले ही चुनाव हार गए। लेकिन बीजेपी ने उन पर भरोसा कायम रखते हुए सीएम पद पर धामी की ही ताजपोशी की।
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