Prabhasakshi NewsRoom: Kiren Rijiju, Ranveer Singh ने Lakshadweep की बजाय पोस्ट कर दी Maldives की तस्वीरें, Sehwag ने भी कर दी बड़ी गलती
इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद से इस क्षेत्र के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है। लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के बाद दुनियाभर में इस केंद्रशासित प्रदेश की चर्चा हो रही है।
मालदीव के साथ उत्पन्न विवाद को देखते हुए भारतीयों ने अपने देश के द्वीपों खासकर लक्षद्वीप की सैर करने का आह्वान करते हुए सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की खूबसूरत तस्वीरें पोस्ट कीं। लेकिन सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने की हड़बड़ी में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग और अभिनेता रणवीर सिंह से गलती हो गयी। रिपोर्टों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने गलती से लक्षद्वीप के नाम पर मालदीव की फोटो पोस्ट कर दी और भारतीय द्वीपों की सैर करने का आह्वान किया। बाद में जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने अपनी पोस्ट को डिलीट कर दिया। वहीं वीरेंद्र सहवाग ने लक्षद्वीप को दर्शाते हुए जो चार फोटो पोस्ट कीं वह फ्रेंच पोलिनेशिया के बोरा बोरा द्वीप का था। वहीं अभिनेता रणवीर सिंह ने चलो भारत देखें हैशटैग के साथ जो फोटो पोस्ट किये वह लक्षद्वीप के ना होकर मालदीव के थे। बाद में उन्होंने भी अपनी पोस्ट को डिलीट कर दिया। ऐसी ही गलती कई अन्य सोशल मीडिया यूजरों से भी हुई।
लक्षद्वीप में हो रही बड़ी तैयारियां
जहां तक लक्षद्वीप की बात है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद से इस क्षेत्र के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है। लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के बाद दुनियाभर में इस केंद्रशासित प्रदेश की चर्चा हो रही है और यहां अतिरिक्त कमरों के निर्माण और एक बड़े हवाई अड्डे की योजना के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं। हम आपको याद दिला दें कि प्रधानमंत्री ने दो जनवरी को लक्षद्वीप की यात्रा के दौरान कहा था कि केंद्रशासित प्रदेश में अनेक संभावनाएं हैं और केंद्र सरकार संपूर्ण लक्षद्वीप के विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
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अब लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के दौरे के बाद लक्षद्वीप प्रशासन से जिस तरह उसके (लक्षद्वीप) के बारे में जानकारी मांगी जा रही है, वह अविश्वसनीय है। दुनिया भर से लोग इस द्वीप की यात्रा करने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। इससे इसकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए अवसर पैदा होंगे।’’ दादरा और नगर हवेली तथा दमन दीव के भी प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लक्षद्वीप का सही से विकास नहीं किया गया और अतीत में किये गये कार्य जनता की आकांक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। पटेल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के बाद लक्षद्वीप के बारे में न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है।’’ उन्होंने कहा कि सुहेली और कदमत में ‘वाटर विला’ का निर्माण शुरू हो गया है और 225 कमरे बनाये जा रहे हैं, वहीं 1,000 नये आवास बनाने की योजना है। प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘‘इस समय वहां एक छोटा हवाई अड्डा है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री ने हमें एक उचित हवाई अड्डे के विकास की दिशा में काम करने का निर्देश दिया है। हमने केंद्र सरकार को हवाई अड्डे के लिए प्रस्ताव जमा कर दिया है। हमें पता चला है कि लक्षद्वीप में बहुत जल्द एक बड़े विमान पत्तन का निर्माण किया जाएगा।''
मालदीव यात्रा के लिए पूछताछ हुई कम
दूसरी ओर, भारत और मालदीव के बीच छिड़े कूटनीतिक विवाद के बीच घरेलू टूर ऑपरेटरों के संगठन आईएटीओ ने कहा है कि मालदीव की यात्रा के लिए कोई भी नई पूछताछ नहीं आ रही है। हालांकि पहले से यात्रा की बुकिंग करा चुके कई लोगों ने अपनी यात्रा रद्द नहीं की है लेकिन नई बुकिंग को लेकर आने वाली पूछताछ बहुत कम हो गई है। टूर ऑपरेटर निकाय इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के अध्यक्ष राजीव मेहरा ने कहा, "हमने पूर्व-निर्धारित यात्रा रद्द होते हुए नहीं देखा है क्योंकि लोगों ने यात्रा से संबंधित बुकिंग पर पैसा लगाया है। लेकिन 15-20 दिनों में हमें कुछ असर देखने को मिल सकता है।" इसके साथ ही राजीव मेहरा ने कहा, "भारतीय पर्यटकों की ओर से मालदीव के लिए कोई नई पूछताछ नहीं आ रही है।" राजीव मेहरा ने कहा कि लक्षद्वीप में बेहतर होटल और रिसॉर्ट जैसे बुनियादी पर्यटन ढांचे को विकसित करने की जरूरत है। इसके अलावा यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक उड़ानें और क्रूज शुरू करने की भी जरूरत है।
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष ज्योति मयाल ने भी कहा कि मालदीव के लिए भारत अग्रणी पर्यटन बाजार है। ऐसे में हाल के विवाद के बाद भारतीय अगर मालदीव की यात्रा का बहिष्कार करने लगते हैं तो यह द्वीपीय देश के लिए बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। ज्योति मयाल ने कहा, "मालदीव की यात्रा करने वाले सर्वाधिक लोग भारतीय होते हैं। ऐसे में इस तरह की अपमानजनक टिप्पणियां उनके लिए अच्छा नहीं होगा। कोविड के बाद भारतीय पर्यटकों ने मालदीव के होटल क्षेत्र के पुनरुद्धार में प्रमुख भूमिका निभाई।" उन्होंने कहा, "हमारे कुछ ट्रैवल ऑपरेटरों ने हमें सूचित किया है कि उन्होंने मालदीव में होटल बुकिंग रद्द करने में वृद्धि देखी है।" हालांकि इस विवाद के केंद्र में रहे लक्षद्वीप की तरफ पर्यटकों का रुझान आकर्षित करने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास जरूरी है।
सर्वाधिक भारतीय ही करते हैं मालदीव की यात्रा
हम आपको यह भी बता दें कि आंकड़ों से पता चलता है कि पर्यटक के रूप में मालदीव की यात्रा करने वालों में भारतीयों की संख्या सर्वाधिक है और कोविड-19 महामारी के बाद हर साल दो लाख से अधिक भारतीय इस द्वीप राष्ट्र का दौरा करते रहे हैं। मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 2.03 लाख से अधिक भारतीयों ने इस द्वीप देश की यात्रा की। साल 2022 में यह संख्या 2.4 लाख से अधिक थी और 2021 में 2.11 लाख से अधिक भारतीयों ने मालदीव की यात्रा की। मालदीव उन कुछ देशों में शामिल है जो महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए खुले रहे और उस दौरान करीब 63,000 भारतीयों ने मालदीव को पर्यटन के लिए चुना था। मालदीव में 2018 में, 90,474 आगंतुकों के साथ भारतीयों की संख्या पांचवें स्थान पर रही। 2019 में, भारत इस मामले में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुनी संख्या (1,66,030) के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गया। हालांकि, मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी किए जाने के बाद भारतीयों के लिए यह पसंदीदा गंतव्य देश अब आलोचना का सामना कर रहा है।
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