Kashmir में तिरंगे से हारा Terror, 15 August पर पहली बार इंटरनेट बंद नहीं रहा, रास्तों पर कंटीले तार नहीं लगे, लोगों ने खुलकर मनाया स्वतंत्रता दिवस

Independence Day Kashmir
Prabhasakshi

यही नहीं, पहली बार पर्यटक और दूसरे राज्यों से लोग घंटाघर लाल चौक पर स्वतंत्रता दिवस मनाने आये। पर्यटकों ने कहा, 'चार साल पहले लाल चौक के आसपास घूमना डरावना लगता था लेकिन आज कश्मीर में सब कुछ शांतिपूर्ण और सामान्य है।

कश्मीर में पहली बार स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। श्रीनगर के 15 लाख निवासियों के लिए यह काफी हैरान करने वाला था कि उन्हें रास्तों पर कंटीली तारें या अवरोधक देखने को नहीं मिले जिन्हें कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस पर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के कारण लगाया जाता था। राष्ट्रध्वज लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बक्शी स्टेडियम में पहुंचे। यह 2003 के बाद से पहली बार था जब स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए स्टेडियम में इतनी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। इस मौके पर लोग खुश दिखे और उन्हें सेल्फी लेते हुए देखा गया। शहर में कई स्कूल सुबह-सुबह ध्वजारोहण समारोह के लिए खुले जबकि दुकानें भी खुली दिखायी दीं। इसके अलावा इंटरनेट या मोबाइल सेवाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं था जिससे लोग बड़े खुश नजर आ रहे थे।

यही नहीं, पहली बार पर्यटक और दूसरे राज्यों से लोग घंटाघर लाल चौक पर स्वतंत्रता दिवस मनाने आये। पर्यटकों ने कहा, 'चार साल पहले लाल चौक के आसपास घूमना डरावना लगता था लेकिन आज कश्मीर में सब कुछ शांतिपूर्ण और सामान्य है। पर्यटकों ने कहा, "पहले हम कहते थे कि डल झील, मुगल गार्डन और खूबसूरत जगहों के लिए कश्मीर आना चाहिए, अब हम कह रहे हैं कि उन्हें 15 अगस्त का स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए आना चाहिए।" इस दौरान सैंकड़ों लोग हाथ में तिरंगा झंडा लिए हुए, "भारत महान है" और "भारत माता की जय" के नारे लगा रहे थे। प्रभासाक्षी से बातचीत में पर्यटकों ने अपना उत्साह जाहिर किया।

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दूसरी ओर, परेड देखने आये लोगों का उत्साह भी गजब का था। कई लोगों ने कहा कि हम हम वर्षों से परेड देखने का इंतजार कर रहे थे। जब हमने सुना कि कोई भी स्टेडियम में प्रवेश कर सकता है तो इस बार आने का फैसला किया। हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने लोगों से बड़ी संख्या में समारोह में भाग लेने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि स्टेडियम में आने के लिए केवल वैध पहचान पत्र की आवश्यकता होगी। इस ऐलान के बाद 15 अगस्त को सुबह से ही स्टेडियम के बाहर लाइनें लगनी शुरू हो गयी थीं। क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या महिलाएं और क्या पुरुष, हर किसी के अंदर स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लेने का जोश देखते ही बन रहा था।

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