Prajatantra: दल-बदलुओं को टिकट, केजरीवाल की गिरफ्तारी...,चुनाव में भाजपा विपक्ष से कैसे निकली आगे?

BJP top leader
ANI
अंकित सिंह । Mar 27 2024 3:37PM

भाजपा ने अपनी पांचवीं सूची जारी की, जिसमें तीन नेता शामिल थे जो कुछ ही घंटे पहले पार्टी में शामिल हुए थे - नवीन जिंदल, उद्योगपति और पूर्व कांग्रेस सांसद; 78 वर्षीय रणजीत सिंह चौटाला, पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे (दोनों हरियाणा से); और वी वरप्रसाद राव, वाईएसआरसीपी विधायक और पूर्व सांसद (आंध्र प्रदेश से)।

वर्तमान में देखें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा लोकप्रियता, विश्वसनीयता और संसाधनों के मामले में लोकसभा चुनाव में अपने राजनीतिक विरोधियों से कहीं आगे निकलते दिख रहे हैं। और, फिर  हाल की घटनाओं की एक श्रृंखला ने संकेत दिया है कि कैसे पार्टी और सरकार चुनावी शतरंज की बिसात पर अंतिम मोहरों को आगे बढ़ा रही हैं। वर्तमान में देखें तो भाजपा ने 405 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। इनमें से 291 मौजूदा सांसदों में से 101 सांसदों के टिकट काट दिया गया है। पहली सूची में 33, दूसरी सूची में 30 और पांचवी सूची में 37 तथा छठी सूची में एक मौजूदा सांसदों का टिकट काटा गया है। इनमें कई मंत्री भी शामिल है। जबकि दूसरी ओर देखे तो विपक्ष अभी तक सीट बंटवारे का फार्मूला ही नहीं ढूंढ पाया है। जहां उम्मीदवार उतारे जा रहे हैं, वहां विपक्षी दलों के बीच आपस में ही तनाव दिखाई दे रहा है। ऐसे में कहीं ना कहीं बीजेपी ने चुनाव के मध्यनजर अपनी पकड़ पहले से ही बना ली है। 

इसे भी पढ़ें: Prajatantra: कंगना रनौत पर विवादित पोस्ट से गरमाई राजनीति, लोकसभा चुनाव में BJP को होगा फायदा?

दलबदलुओं पर भरोसा

भाजपा ने अपनी पांचवीं सूची जारी की, जिसमें तीन नेता शामिल थे जो कुछ ही घंटे पहले पार्टी में शामिल हुए थे - नवीन जिंदल, उद्योगपति और पूर्व कांग्रेस सांसद; 78 वर्षीय रणजीत सिंह चौटाला, पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे (दोनों हरियाणा से); और वी वरप्रसाद राव, वाईएसआरसीपी विधायक और पूर्व सांसद (आंध्र प्रदेश से)। पार्टी ने राज्य इकाई द्वारा आए नामों को खारिज कर दिया। पार्टी ने बसपा ने आए रितेश पांडे को भी टिकट दिया गया है। जेएमएम छोडक़र भाजपा में आईं सीता सोरेन को दुमका से टिकट दिया गया है। ऐसे कई और नाम लिस्ट में हैं।

विपक्ष को कमजोर करना!

21 मार्च को, जैसे ही लोकसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया। वह विपक्ष के बड़े नेता हैं। दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले की जांच, जिसमें केजरीवाल को हिरासत में लिया गया था, लंबे समय से चल रही है। जबकि AAP प्रमुख कई सम्मनों में शामिल नहीं हुए, लेकिन गिरफ्तारी के समय पर सवाल खड़े हो गए। जाहिर है, इस मुद्दे पर विपक्ष के एकजुट होने के बावजूद, भाजपा को लगता है कि इससे ज्यादा राजनीतिक नुकसान नहीं होगा। भाजपा का तर्क है कि केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला उनकी "भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा छवि" को नुकसान पहुंचाता है और इस तथ्य की ओर इशारा करता है कि सड़क पर विरोध प्रदर्शन छिटपुट और बिखरे हुए हैं।

आयकर विभाग ने कांग्रेस के खिलाफ एक लंबित मामले में कार्रवाई की और पिछले महीने बड़ी संख्या में पार्टी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए। कांग्रेस ने पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी कि उसके अभियान को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और यह चुनाव को अपने पक्ष में झुकाने की भाजपा की रणनीति थी।

डैमेड कंट्रोल

भाजपा द्वारा टिकट दिए गए चार उम्मीदवार जल्द ही दौड़ से बाहर हो गए, जिनमें पवन सिंह (आसनसोल), उपेंद्र सिंह रावत (बाराबंकी), रंजन भट्ट (वडोदरा) और भीखाजी ठाकोर (साबरकांठा) शामिल हैं। जहां भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह की फिल्मों और गानों पर विवाद के बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया, वहीं भट्ट ने भाजपा नेताओं द्वारा उनके खिलाफ खुले आरोप लगाए जाने के बाद अपना नाम वापस ले लिया। जबकि भाजपा ने अन्य तीन सीटों के लिए प्रतिस्थापनों की घोषणा कर दी है, सूत्रों ने कहा कि वह अभी भी आसनसोल में सिंह के साथ जा सकती है।

इसे भी पढ़ें: Prajatantra: बिहार NDA में लीड एक्टर कैसे बने चिराग पासवान, कहां चूक गए पशुपति पारस

गठबंधन की कोशिश

अपने सहयोगियों द्वारा बार-बार पर्याप्त समायोजन न करने और पिछले कुछ वर्षों में सहयोगियों को खोने का आरोप लगाए जाने के बाद, भाजपा उन्हें फिर से इकट्ठा करने में लग गई है। माना जाता है कि नीतीश कुमार और जद (यू) के मामले में, मोदी ने अपने खिलाफ बिहार के मुख्यमंत्री के लगातार कटाक्षों को नजरअंदाज करते हुए खुद ही हस्तक्षेप कर दिया है। टीडीपी-जनसेना पार्टी के मामले में, बातचीत लंबे समय तक चली, अंततः भाजपा ने अपनी मांगें मान लीं। जबकि बीजद और अकाली दल के साथ बातचीत अंततः अंतिम चरण में टूट गई। भाजपा ने महाराष्ट्र में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास किया। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़