नागपुर के बचाव केंद्र में एवियन फ्लू से तीन बाघ, एक तेंदुए की मौत

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प्रतिरूप फोटो
ANI

दिसंबर के अंत में बचाव केंद्र में बाघों और तेंदुए की मौत हो गई। भागवत ने बताया कि बाघों को दिसंबर के दूसरे सप्ताह में बचाव केंद्र में लाया गया था, जबकि तेंदुए को मई से ही वहां रखा गया था।

महाराष्ट्र के नागपुर में एक पशु बचाव केंद्र में एवियन इन्फ्लूएंजा से तीन बाघ और एक तेंदुए की मौत हो गई, जिसके बाद अधिकारियों ने प्राणि उद्यानों में अलर्ट जारी किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि पिछले महीने के अंत में हुई इन मौतों के बाद केंद्र सरकार ने एक परामर्श जारी कर प्राणि उद्यानों को एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया है। गोरेवाड़ा प्रोजेक्ट के प्रभागीय प्रबंधक शतानिक भागवत ने बताया कि मानव-पशु संघर्ष की घटनाओं के बाद पशुओं को चंद्रपुर से गोरेवाडा वन्य प्राणी बचाव केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि दिसंबर के अंत में बचाव केंद्र में बाघों और तेंदुए की मौत हो गई। भागवत ने बताया कि बाघों को दिसंबर के दूसरे सप्ताह में बचाव केंद्र में लाया गया था, जबकि तेंदुए को मई से ही वहां रखा गया था।

उन्होंने बताया कि पशुओं में अलग-अलग लक्षण दिखे, लेकिन दिसंबर के तीसरे सप्ताह में वे लंगड़ाने लगे और उन्हें बुखार आ गया। उन्होंने बताया कि उनके नमूने जांच के लिए भोपाल भेजे गए और दो जनवरी को प्राप्त जांच रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि वे एच5एन1 वायरस से संक्रमित थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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