Naxali Attack in Odisha | ओडिशा के नुआपाडा में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद
ओडिशा के नुआपाड़ा जिले में मंगलवार को नक्सलियों द्वारा किए गए हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन जवान शहीद हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना भीडेन प्रखंड के पताधारा संरक्षित वन क्षेत्र में अपराह्न करीब ढाई बजे हुई।
नयी दिल्ली/भुवनेश्वर। ओडिशा के नुआपाड़ा जिले में मंगलवार को नक्सलियों द्वारा किए गए हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन जवान शहीद हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना भीडेन प्रखंड के पताधारा संरक्षित वन क्षेत्र में अपराह्न करीब ढाई बजे हुई। ओडिशा के पुलिस महानिदेशक एस के बंसल ने शाम को पीटीआई-को बताया, ‘‘दुर्भाग्य से नुआपाड़ा में तीन जवान शहीद हुए हैं। हमारे वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल की ओर जा रहे हैं।’’ अधिकारियों ने बताया कि सैनिकों पर उस समय हमला किया गया जब वे सड़क खोलने के अभियान में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि ऐसा संदेह है कि माओवादियों को सुरक्षा बलों की गतिविधियों के बारे में पहले से सूचना थी। उन्होंने कहा कि माओवादियों ने देसी बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल) का इस्तेमाल करके जवानों पर हमला किया। सीआरपीएफ के एक प्रवक्ता ने नयी दिल्ली में कहा, ‘‘सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए माओवादियों को भागने पर मजबूर कर दिया।’’
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अधिकारियों ने भुवनेश्वर में कहा कि एक प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, घटना के समय सात जवान आगे बढ़ रहे थे। मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश के रहने वाले सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) शिशु पाल सिंह, हरियाणा के एएसआई शिव लाल और बिहार के रहने वाले कांस्टेबल धर्मेंद्र कुमार सिंह के रूप में हुई है। वे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 19वीं बटालियन में थे। अधिकारियों ने बताया कि इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है और विशेष अभियान समूह (एसओजी) और सीआरपीएफ की और टीमें मौके पर मौजूद हैं।
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डीजीपी ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक माओवादियों का सफाया नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि जवानों का सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सीआरपीएफ ने हाल ही में कहा था कि छत्तीसगढ़ में उसके कुछ फॉरवर्ड ऑपरेशन बेस पर पिछले छह महीनों में 100-150 विस्फोटक से भरे उपकरणों का उपयोग करके हमला किया गया था। रॉकेट के आकार के इन देसी उपकरणों को बल द्वारा बीजीएल नाम दिया गया है।
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