चिकित्साकर्मियों के साथ बदसलूकी करने वाले सार्वजनिक आलोचना के पात्र: हर्षवर्धन
शिक्षण संस्थान ‘टाइम्स स्कूल ऑफ मीडिया’ द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के मौजूदा संकट के दौर में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये एक दूसरे से दूरी बना कर रखने (सोशल डिस्टेंसिंग) और पूर्ण बंद (लॉकडाउन) ही सबसे कारगर उपाय हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘चिकित्साकर्मी, खुद भी संक्रमण के शिकार हो रहे हैं लेकिन इसके बावजूद वे पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस संघर्ष में अग्रिम पंक्ति के योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं।’’ उन्होंने चिकित्साकर्मियों का आभार व्यक्त करते हुये कहा, ‘‘जोखिम में अथक परिश्रम करने के बावजूद चिकित्साकर्मियों के साथ बदसलूकी की घटनायें समाज में देखने को मिल रही हैं। मेरा मत है कि ऐसे लोगों की सार्वजनिक तौर पर भर्त्सना की जानी चाहिये। हमें एकजुट होकर स्वास्थ्य कर्मियों का साथ देना चाहिये, जिससे समाज में इस तरह की घटनायें न हों।’’#COVID19 और #lockdownindia के कारण देश में रक्त की कमी न हो, इसके लिए आज मैंने @MoHFW_INDIA में एक उच्चस्तरीय बैठक करी। बैठक में उन उपायों पर चर्चा की गई,जिनसे स्वैच्छिक #BloodDonation को बढ़ावा दिया जा सके और देश में रक्त की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।@IndianRedCross #COVIDー19 pic.twitter.com/qOMwi4hwPh
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) April 9, 2020
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शिक्षण संस्थान ‘टाइम्स स्कूल ऑफ मीडिया’ द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के मौजूदा संकट के दौर में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये एक दूसरे से दूरी बना कर रखने (सोशल डिस्टेंसिंग) और पूर्ण बंद (लॉकडाउन) ही सबसे कारगर उपाय हैं। डा हर्षवर्धन ने कहा कि इस वायरस का टीका विकसित कर दुनिया को इस संकट से उबारने में लगे कुछ देशों के सामूहिक प्रयास में भारत भी भागीदार है। उन्होंने कहा कि फिलहाल सामाजिक दूरी और लॉकडाउन ही इस बीमारी का सबसे सुरक्षित टीका है।
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