वर्दी में रहने वालों के इतना भी पीछे नहीं पड़ना चाहिए जिससे वो अपने वरिष्ठों में विश्वास खो दें: बेदी
किरण बेदी ने कहा, वर्दी में रहने वाले पुरूष और महिलाओं के कभी भी इतना पीछे नहीं पड़ना चाहिए कि वे अपनी सेवा और अपने वरिष्ठों में विश्वास खो दें।
नयी दिल्ली। पूर्व आईपीएस अधिकारी और पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने बुधवार को कहा कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने अधीनस्थों का बचाव करना चाहिए। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘वर्दी में रहने वाले पुरूष और महिलाओं के कभी भी इतना पीछे नहीं पड़ना चाहिए कि वे अपनी सेवा और अपने वरिष्ठों में विश्वास खो दें।’’ बेदी की यह प्रतिक्रिया तीस हजारी और साकेत अदालत परिसरों में शनिवार और सोमवार को अपने सहयोगियों पर दो हमलों के खिलाफ मंगलवार को पुलिस मुख्यालय के बाहर 11 घंटे तक दिल्ली पुलिसकर्मियों के विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में आई है।
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प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों के आश्वासन के बाद अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया था। बेदी ने कहा कि जब पुलिसकर्मी अपना कर्तव्य ‘‘निष्पक्षता, दृढ़ता, निडरता और जिम्मेदारी’’ से निभाते हैं तो वरिष्ठों द्वारा उनका बचाव किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने याद किया कि उन्हें जनवरी 1988 में उस समय इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था जब सेंट स्टीफन कॉलेज में चोरी के लिए गिरफ्तार किये गये एक वकील को हथकड़ी लगाकर तीस हजारी अदालत लाया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘उस समय वीडियो वायरल नहीं होती थी लेकिन अब कारगर तकनीक है और मामले से जुड़े सबूत उपलब्ध कराती है।’’
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बेदी ने कहा कि शनिवार की घटना से एक बार फिर सबक लिये जाने की जरूरत है। बेदी 1988 में उत्तरी दिल्ली की डीपीसी थीं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि उस समय उन्होंने शहर के पुलिस आयुक्त का जबरदस्त समर्थन किया था। उस समय वकीलों ने कई दिन तक व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था और संघर्ष में कई घायल हुए थे। उपराज्यपाल ने कहा कि यह सुनिश्चित करना वरिष्ठ अधिकारियों का कर्तव्य है कि ‘‘कोई भी अपने ईमानदारी से किये गये कार्यों के लिए अपमानित न हो।’’ बेदी ने कहा कि वहीं पुलिसकर्मियों को भी अपनी ड्यटी करते समय अपने वरिष्ठों पर भरोसा करना चाहिए कि वे उनका बचाव करेंगे और कोई भी राय बनाने से पहले उनकी बात सुनेंगे।
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