राजभवन के बाहर हिंसा और अंदर निगरानी की जाती है: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बोस
रॉय के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को लेकर राजभवन और राज्य सरकार के बीच एक सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध था और दोनों पक्ष इस कार्यक्रम का आयोजन करना चाहते थे। राज्य सरकार विधानसभा में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की इच्छुक थी और राज्यपाल चाहते थे कि यह राजभवन में आयोजित किया जाए। आखिर यह निर्णय लिया गया कि बोस शनिवार को राजभवन में शपथ ग्रहण कराएंगे।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नीत सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि राजभवन के बाहर ‘हिंसा’ और अंदर ‘निगरानी’ की जाती है। बोस धूपगुड़ी से तृणमूल के नवनिर्वाचित विधायक निर्मल चंद्र रॉय को राजभवन में शपथ दिलाने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने वहां मौजूद पत्रकारों से कहा कि ‘‘राजभवन के बाहर बहुत हिंसा होती है और अंदर निगरानी की जाती है।’’ राज्यपाल ने पूर्व में भी शिकायत की थी कि उनकी निगरानी की जाती है। सूत्रों के मुताबिक बोस ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उनकी बातचीत की टैपिंग और निगरानी की जा रही है। उन्होंने राजभवन में जैमर और अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली लगाने का अनुरोध किया था।
राज्यपाल पूर्व में उन इलाकों का दौरा कर चुके हैं जहां इस साल जुलाई में राज्य में हुए पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा भड़की थी। विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों पर राज्य सरकार की सिफारिशों को दरकिनार करने और कुलपतियों की बैठक बुलाने के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार और राज्यपाल बोस के बीच और तल्खी पैदा हो गई। तृणमूल के नवनिर्वाचित विधायक निर्मल चंद्र रॉय ने पांच सितंबर को धूपगुड़ी के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार तापसी रॉय को 4,309 मतों के अंतर से हराया था। यह सीट पहले भाजपा विधायक बिष्णुपद रॉय के पास थी, जिनका जुलाई में निधन हो गया था। इस समारोह में तृणमूल के मुख्य सचेतक तापस रॉय और नवनिर्वाचित विधायक के परिवार के कुछ सदस्य मौजूद थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी इस अवसर पर नहीं आए।
रॉय के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को लेकर राजभवन और राज्य सरकार के बीच एक सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध था और दोनों पक्ष इस कार्यक्रम का आयोजन करना चाहते थे। राज्य सरकार विधानसभा में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की इच्छुक थी और राज्यपाल चाहते थे कि यह राजभवन में आयोजित किया जाए। आखिर यह निर्णय लिया गया कि बोस शनिवार को राजभवन में शपथ ग्रहण कराएंगे।
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