नेताजी को भूला देने की बहुत कोशिशें हुईं लेकिन उनकी देशभक्ति भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी: शाह
शाह ने इस अवसर पर खुदीराम बोस और रास बिहारी बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी ‘‘बिप्लबी बांग्ला’’ का भी उद्घाटन किया और एक साइकिल रैली को रवाना किया।
उन्होंने कहा कि सुभाष बाबू को देश की जनता इतने वर्ष के बाद भी उतने ही प्यार और सम्मान से याद करती है जितना उनके जीवित रहने और संघर्ष के दौरान करती थी। एक उत्कृष्ट छात्र के रूप में सुभाष चंद्र बोस के जीवन और उनके आईसीएस की परीक्षा पास करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस स्वतंत्रता सेनानी ने नौकरी छोड़ दी और स्वाधीनता के आंदोलन में कूद गए ताकि यह संदेश जाए कि अंग्रेजी हुकूमत के अधीन आरामदेह जीवन जीने के मुकाबले देश उनके लिए महत्वपूर्ण है। शाह ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता था कि वह दो बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने और एक बार तो उन्होंने महात्मा गांधी के उम्मीदवार तक को हराया। उन्होंने देश के युवाओं से आग्रह किया कि वह सुभाष चंद्र बोस के जीवन और उनके संघर्षें के बारे में पढ़ें।देश की जनता सुभाष बाबू को इतने साल के बाद भी उतने ही प्यार और सम्मान से याद करती है जितना वे जीवित थे और संघर्ष करते थे तब करती थी। बहुत प्रयास हुआ कि उनको भुला दिया जाए लेकिन उनका व्यक्तित्व, काम और बलिदान कोई कितना भी प्रयास करे भारतवासियों के मन में वैसे ही रहेगा: अमित शाह https://t.co/eQPN96hbRf pic.twitter.com/PcF4jRB4vK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2021
इसे भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में इस बार तृणमूल कांग्रेस की राह आसान नहीं
उन्होंने कहा, ‘‘जो युवा पीढ़ी अपने इतिहास को जानती है, वही एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकती है।’’ शाह ने इस अवसर पर खुदीराम बोस और रास बिहारी बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी ‘‘बिप्लबी बांग्ला’’ का भी उद्घाटन किया और एक साइकिल रैली को रवाना किया। नेताजी, खुदीराम बोस और रास बिहारी बोस के नाम पर बनी तीन टीमें स्वतंत्रता सेनानियों के संदेशों को पुहंचाने के लिए 900 किलोमीटर की साइकिल यात्रा करेगी।
अन्य न्यूज़