अब मंदिरों में बदला-बदला होगा दर्शन का तरीका, सैनिटाइजर के प्रयोग को लेकर पुजारियों का विरोध
पुजारी आपके माथे पर नाही गंगाजल का छिड़काव करेगा और ना ही तिलक लगाएगा। पहले तुलना में मंदिरों में काफी कुछ बदल जाएगा। प्रवेश को लेकर यह नियम दिल्ली के झंडे वाला मंदिर के है। मौजूदा परिस्थिति में लगभग देश के तमाम मंदिर ऐसे ही कुछ नियम कायदे श्रद्धालुओं से पालन करवा सकते हैं। आपको दूरी का पालन करना होगा और मास्क पहनना होगा।
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार कंटेनमेंट जोन में मौजूद धार्मिक स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे, लेकिन कंटेनमेंट जोन से बाहर स्थित धार्मिक स्थल खोले जा सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी होती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे परिसरों में भौतिक दूरी के नियम तथा अन्य एहतियाती उपायों का पालन किया जाए। सरकार द्वारा दिए गए छूट के बाद देशभर के विभिन्न मंदिरों को खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। दिल्ली का झंडेवाला मंदिर हो या फिर माता वैष्णो देवी का धाम, दक्षिण का बालाजी मंदिर हो या फिर सबरीमाला मंदिर सभी को खोलने की तैयारी शुरू की जा चुकी है। मंदिरों को अच्छे तरीके से सैनिटाइज किया जा रहा है। मंदिरों में जगह-जगह दर्शन के लिए आए लोगों के लिए सूचनाएं लिखे जा रहे हैं। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखें इसके लिए निशान लगाए जा रहे है।
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दिल्ली के झंडे वाला देवी मंदिर और नेहरू प्लेस स्थित कालकाजी मंदिर सोमवार यानी 8 जून से भक्तों के दर्शन के लिए खुल जाएगा। इसको लेकर झंडेवाला मंदिर प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को सैनिटाइज करना शुरू कर दिया है। वहीं विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल वैष्णो देवी भी भक्तों के लिए मध्य जून से खोले जा सकते हैं। खबरों के मुताबिक श्राइन बोर्ड ने यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी है। यात्रा संचालन को लेकर बनाए गए नियम के रिहर्सल भी शुरू हो गए है। सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए सांझी छत हेलीपैड और गेट नंबर 1 और 3 के पास विशेष तैयारियां की जा रही है। इसके अलावा पालकी और घोड़े वालों के भी चेकअप किए जा रहे है। यात्रा मार्ग और गुफा में सुरक्षा के पूरे इंतजाम है। जगह-जगह थर्मल स्क्रिनिंग की भी व्यवस्था है। तिरुपति में भगवान बालाजी मंदिर की प्रशासनिक इकाई टीटीडी ने बताया कि मंदिर 80 दिन के अंतराल के बाद 11 जून को श्रद्धालुओं के लिए द्वार खोलेगा। टीटीडी ने बताया कि रोजाना केवल 6,000 श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति होगी। इस दौरान छह फुट की दूरी का पालन किया जाएगा और मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर को खोलने की तैयारी की जा रही है। साईं मंदिर भी जल्द ही खुल जाएगा। इसके अलावा अजमेर शरीफ दरगाह हो या कोई और बड़ा धार्मिक स्थल सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की कवायद की जा रही है। भारत के सबसे बड़े मंदिरों में शामिल केरल के भगवान अयप्पा मंदिर और आंध्र प्रदेश के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के द्वार केंद्र के दिशा-निर्देशानुसार अगले सप्ताह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। हालांकि, इस दौरान कुछ प्रतिबंध लागू रहेंगे। बुजुर्गों और बच्चों को इनमें प्रवेश की अनुमति नहीं होगी और मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की सीमा तय की जाएगी। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि सबरीमला मंदिर नौ जून से खोला जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने के लिए दोनों मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था।Markings made for social distancing. Bells covered. No offering of prasad/garlands allowed. Devotees will come in 2 queues & have 2 separate exits. At exit, they'll be given pouched prasad of rock sugar (mishri). Sprinkling of 'ganga jal'/applying of 'tilak' won't be done: R Goel https://t.co/N9uKY6iCUu pic.twitter.com/4xygKHJ9i4
— ANI (@ANI) June 5, 2020
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मंदिर में प्रवेश के लिए पालन करने होंगे कुछ नियम
मंदिरों में प्रवेश पाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए कुछ नियम भी बनाए गए है। हर श्रद्धालु को इसका खास ख्याल रखना होगा। सबसे पहले तो थर्मल चेकिंग के बाद ही आपको मंदिर में प्रवेश मिलेगा। साथ ही साथ आपको सैनेटाइज भी किया जाएगा। आपको अपने साथ सैनिटाइजर रखना होगा ताकि जरूरत पड़ने पर आप उसका इस्तेमाल कर सकें। मंदिर में किसी भी प्रकार का प्रसाद चढ़ाने पर मनाही होगी। श्रद्धालु प्रसाद लेकर ना आए। मंदिरों में 10 साल से कम उम्र के बच्चे और 65 साल से ज्यादा उम्र के श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिलेगा। मंदिरों में घंटी बजाने की भी इजाजत आपको नहीं दी जाएगी। पुजारी आपके माथे पर नाही गंगाजल का छिड़काव करेगा और ना ही तिलक लगाएगा। पहले तुलना में मंदिरों में काफी कुछ बदल जाएगा। प्रवेश को लेकर यह नियम दिल्ली के झंडे वाला मंदिर के है। मौजूदा परिस्थिति में लगभग देश के तमाम मंदिर ऐसे ही कुछ नियम कायदे श्रद्धालुओं से पालन करवा सकते हैं। आपको दूरी का पालन करना होगा और मास्क पहनना होगा।
सैनिटाइजर का विरोध
जहां एक ओर 8 जून से धार्मिक स्थलों को खोलने की तैयारी है वहीं इसके साथ-साथ एक विवाद भी शुरू हो गया है। सरकार ने गाइडलाइंस में लिखा है कि मंदिर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं के लिए सैनिटाइजर मशीन लगी हो। साथ ही साथ उनके हाथ सैनिटाइज होने के बाद ही प्रवेश दिया जाए। इसको लेकर अब कुछ पुजारी विरोध करने लगे हैं। पुजारियों का कहना है कि सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है। भोपाल के मां वैष्णो धाम नव दुर्गा मंदिर के पुजारी ने कहा कि शासन का कार्य है गाइडलाइन जारी करना लेकिन मैं मंदिरों में सैनिटाइजर का विरोध करता हूं। पुजारी तर्क दे रहे हैं अगर हम शराब पीकर प्रवेश पाने वाले लोगों को मंदिर में आने की इजाजत नहीं देते तो अल्कोहल से हाथ सैनिटाइज करने वाले कैसे घुस सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाथ धोने वाली मशीन को मंदिरों के बाहर लगाइए और वहां पर साबुन रखें। इसको हम स्वीकार करते हैं।
हम शराब पीकर जब मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं तो अल्कोहल से हाथ सैनिटाइज करके कैसे घुस सकते हैं।आप हाथ धोने की मशीन सभी मंदिरों के बाहर लगाइए,वहां पर साबुन रखिए उसको हम स्वीकार करते हैं वैसे भी मंदिर में तो व्यक्ति घर से नहा कर ही प्रवेश करता है:चंद्रशेखर तिवारी,पुजारी,भोपाल https://t.co/W3F2SgUF8w
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 5, 2020
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