हिमाचल के मंदिरों की सुरक्षा राम भरोसे
प्रदेश के मंदिरों की सुरक्षा के लिये इससे पहले होमगार्डस की भी सेवायें ली जाती रही हैं। इसके साथ ही साल में लगने वाले नवरात्र मेला के दौरान हिमाचल पुलिस के जवान तैनात किये जाते हैं। लेकिन बीते साल प्रदेश सरकार ने उन्हें मंदिरों से हटाने का निर्णय लिया। जिससे अब पूर्व सैनिक ही मंदिरों में तैनात हैं। जिससे मंदिरों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। मंदिरों में लडाई झगडों की वारदातें होती रही है।
शिमला । हिमाचल प्रदेश में सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे ही है। मंदिरों के पास अरबों रूपये का सोना चांदी है। यही नहीं करोडों की आमदन रोजाना होती है। व बडी तादाद में श्रद्धालु रोजाना आते हैं। लेकिन इस सबको संभालने के लिये मंदिरों में पूर्व सैनिक ही हैं। जिनके पास न तो कोई वैधानिक शक्ति है। न ही सुरक्षा संभालने के लिये हथियार। बदले हालातों में अब मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढने लगी है।
प्रदेश के मंदिरों की सुरक्षा के लिये इससे पहले होमगार्डस की भी सेवायें ली जाती रही हैं। इसके साथ ही साल में लगने वाले नवरात्र मेला के दौरान हिमाचल पुलिस के जवान तैनात किये जाते हैं। लेकिन बीते साल प्रदेश सरकार ने उन्हें मंदिरों से हटाने का निर्णय लिया। जिससे अब पूर्व सैनिक ही मंदिरों में तैनात हैं। जिससे मंदिरों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। मंदिरों में लडाई झगडों की वारदातें होती रही है। इसके साथ ही चंढावे में चोरी के मामले भी उजागर होने लगे है। मंदिरों में रखे सोने चांदी की सुरक्षा कौन करेगा। इसका जवाब किसी के पास नहीं है ज्वालामुखी मंदिर में तो रोजाना शयन आरती में सोने चांदी के आभूषण रखे जाते हैं। लेकिन इनकी सुरक्षा का कहीं कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है।
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हालांकि कुछ मंदिरों ने अपने सोने को केन्द्र सरकार की गोल्ड बांड स्कीम में निवेश किया है। व उससे से अच्छी-खासी कमाई भी कर रहे हैं। इस मामले में बिलासपुर स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ नयना देवी अव्वल रही है। नयना देवी मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं की ओर से चढ़ाए 54 किलोग्राम सोने का स्कीम में निवेश किया। इसने अब तक तीन करोड़ रुपये से ज्यादा ब्याज कमा लिया है। ज्वालामुखी मंदिर न्यास ने 17 किलो सोने के निवेश से एक साल में 10 लाख 31 हजार 105 रुपये का ब्याज कमाया। बाबा बालक नाथ मंदिर ने एक वर्ष में चार किलो सोने से 31,413 रुपये का ब्याज अर्जित किया है।
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मंदिर न्यास नयना देवी ने इस स्कीम में 54 किलो 101 ग्राम 910 मिलीग्राम सोना लगाया । ब्रिक्स के रूप में 22 किलो 238 ग्राम 174 मिली ग्राम सोना है। 99 किलो 976 ग्राम 630 मिलीग्राम सोना सील किया हुआ है। कुल उपलब्ध सोना एक क्विंटल, 86 किलो 139 ग्राम 81 मिली ग्राम है। 76 क्विंटल 13 किलो 772 ग्राम 809 मिलीग्राम चांदी है। बाबा बालक नाथ मंदिर में 31 दिसंबर 2021 तक कुल अशुद्ध सोना 27 किलो 705 ग्राम 330 मिलीग्राम है। कुल शुद्ध सोना 23 किलो 282 ग्राम 730 मिलीग्राम है। योजना में 3 किलो 956 ग्राम 99 मिली ग्राम सोना लगाया गया है। ज्वालामुखी मंदिर में 44 किलो 518 ग्राम 239 मिलीग्राम सोना है। 7 क्विंटल 39 किलो 136 ग्राम 480 मिलीग्राम चांदी है। गोल्ड बांड में 17 किलो 92 ग्राम 280 मिलीग्राम सोने का निवेश किया गया है। चिंतपूर्णी मंदिर में 31 दिसंबर 2021 तक दो क्विंटल दो किलो 370 ग्राम 96 मिलीग्राम सोना है। चांदी 73 क्विंटल 29 किलो 510 ग्राम 948 मिलीग्राम है। इस सोने को गोल्ड बांड स्कीम में नहीं लगाया गया है।
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हैरानी की बात है कि करोंडों रूपये के सोने चांदी की सुरक्षा के लिये मंदिरों के पास कोई तंत्र ही नहीं है। यही वजह है कि दलील दी जा रही है कि प्रदेश पुलिस में ही एक मंदिर बटालियन बनाई जाये। व उसके जवानों को मंदिरों की सुरक्षा का जिम्मा दिया जाये।
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