प्रयागराज में बढ़ रहा है छात्रों के प्रदर्शन का दायरा

Prayagraj Student Protest
ANI
अजय कुमार । Nov 13 2024 3:12PM

प्रतियोगी छात्र परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया का भी विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह प्रक्रिया उन्हें निष्पक्ष परिणामों से वंचित कर सकती है। उनका तर्क है कि हर परीक्षा में अलग-अलग प्रश्न पत्र होते हैं और इनमें कठिनाई के स्तर में अंतर होता है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों को एक तरफ तमाम राजनैतिक दलों का समर्थन हासिल हो रहा है तो जिले के बाहर के छात्रों का भी समर्थन मिला शुरू हो गया है। इसी के चलते आज तीसरे दिन भी यूपीपीएससी आफिस के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। यह प्रदर्शन यूपीपीएससी द्वारा पीसीएस-2024 और आरओ/एआरओ-2023 प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने के निर्णय के खिलाफ है। आयोग के इस फैसले को लेकर छात्रों में गहरी असंतुष्टि है और वे इसे एक ही दिन में कराने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन के तीसरे दिन बुधवार को भी छात्रों का जोश बरकरार है और उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे पीछे नहीं हटेंगे।

सबसे बड़ी बात यह है कि दिल्ली, लखनऊ और अन्य प्रदेशों से भी प्रतियोगी छात्र इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। छात्रों ने पूरी रात आयोग के बाहर डेरा डाल रखा है। 48 घंटे से आयोग के बाहर डटे प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि दो दिवसीय परीक्षा की प्रणाली से उनके साथ अन्याय हो रहा है। उनके अनुसार, दो दिवसीय परीक्षा के चलते परीक्षा परिणामों में भिन्नता आ सकती है और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में विसंगतियां उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे छात्रों की मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो सकेगा।

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प्रतियोगी छात्र परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया का भी विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह प्रक्रिया उन्हें निष्पक्ष परिणामों से वंचित कर सकती है। उनका तर्क है कि हर परीक्षा में अलग-अलग प्रश्न पत्र होते हैं और इनमें कठिनाई के स्तर में अंतर होता है। ऐसे में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया से उन छात्रों को नुकसान हो सकता है, जिन्होंने कठिन प्रश्न पत्र हल किया हो। वे चाहते हैं कि परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित किया जाए, जिससे सभी प्रतियोगियों के लिए समान प्रश्न पत्र हो और किसी तरह का भेदभाव न हो।

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