आत्मनिर्भर भारत का रास्ता कृषि और ग्रामीण क्षेत्र से होकर जाता है- नितिन गडकरी
दिनेश शुक्ल । Mar 14 2021 11:14PM
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि आर्थिक विकास तो आवश्यक है लेकिन इसके साथ मूल्यों का विकास भी करना है। हम दुनिया से अच्छी तकनीक लाएंगे, लेकिन अपनी भारतीयता को नहीं छोड़ेंगे।
भोपाल। भोपाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर विमर्श के लिए आयोजित हो रहे तीन दिवसीय कान्फ्रेंस एवं नेशनल एक्सपो 'सार्थक EduVision 2021' के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क निर्माण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का रास्ता कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से होकर जाता है। विकास के लिए शिक्षा संस्थान देश की आवश्यकता के अनुरूप तकनीक और समाधान उपलब्ध कराएं और समस्यायों के समाधान के लिए काम करें। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे देश में ज्ञान का भंडार है। भावी पीढ़ी को बहुत ज्ञान प्रदान करें लेकिन नया भी सोचे और व्यवहारिक शोध करें।
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भारतीय शिक्षा मंडल द्वारा उच्च शिक्षा अनुदान आयोग, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं देश की अन्य संस्थाओं के सहयोग से आत्मनिर्भर भारत केलिए सार्थक शिक्षा पर मंथन के लिए आयोजित इस तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस एवम नेशनल एक्सपो EduVision2021 के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि आर्थिक विकास तो आवश्यक है लेकिन इसके साथ मूल्यों का विकास भी करना है। हम दुनिया से अच्छी तकनीक लाएंगे, लेकिन अपनी भारतीयता को नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं।
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कई आयाम हैं, जिसमें प्राचीन से लेकर वैज्ञानिक शिक्षा तक को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के उद्देश्य, ज्ञान देना, कौशल विकास देना और नागरिकता के संस्कार देना है। भारत की माटी में वर्षों से यह उद्देश्य शामिल है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा देने के लिए 9000 स्कूल खोलने जा रही है। आत्मनिर्भर भारत के अभियान में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश को लेकर योजना बनाई है जिसमें अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुशासन और रोजगार एवं अर्थव्यवस्था को शामिल किया गया है। उन्होंने शिक्षा जगत से आह्वान किया कि वे आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने की दिशा में भी सोचे और हमें सुझाव दें।
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इससे पूर्व आयोजन के उद्घाटन सत्र का आरंभ वैदिक मंत्र उच्चारण एवं स्वस्तिगान के साथ हुआ। उद्घाटन सत्र में भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री डॉ. यशोधरा राजे, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार संस्कृति मंत्री, सुश्री ऊषा ठाकुर समेत कई मंत्रीगण, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष श्री अनिल सहस्त्रबुद्धे, उच्च शिक्षा अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. डीपी सिंह, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील कुमार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का सञ्चालन भारतीय शिक्षण मंडल के महामंत्री उमाशंकर पचौरी ने किया। इस अवसर पर गुरुकुल शिक्षा पद्धति पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया।
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सोमवार से इस कॉन्फ्रेंस में देश भर से आये लगभग 200 शिक्षाविद, कुलपति एवं विभिन्न उत्कृष्ट संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे। देशभर के कई उत्कृष्ट संस्थान द्वारा नेशनल एक्सपो में अपनी उपलब्धियों और नवाचार की प्रदर्शनी भी लगाई गई है जोकि सुबह 10:30 बजे से सभी के लिए उपलब्ध रहेगी। कार्यक्रम का संचालन भारतीय शिक्षण मंडल के महामंत्री उमाशंकर पचौरी ने किया एवं आभार प्रदर्शन राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुनील गुप्ता ने किया।
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