हमारी पहचान काम के आधार पर हो, पीएम मोदी को मुझसे बेहतर देश की जनता जानती है: अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि 2001 में, भाजपा ने फैसला किया कि नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बनेंगे। यह एक दुर्लभ अवसर था - क्योंकि उन्हें तब तक प्रशासन चलाने का कोई वास्तविक अनुभव नहीं था।
नई दिल्ली में लोकतंत्र को लेकर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत की आजादी को 75 वर्ष हो गए हैं। जब हम आजाद हुए, हमारे देश की संविधान सभा बनी, संविधान सभा ने मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम को स्वीकार किया। बहुत सोच समझकर स्वीकार किया था जो उचित फैसला था। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा देश, इतनी विविधताओं वाला देश, किसी व्यक्ति के आधार पर चुन कर नहीं आना चहिए। मल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम होना चाहिए, हर पार्टी की एक आईडियोलॉजी होनी चाहिए। शाह ने कहा कि हमारी पहचान काम के आधार पर हो। पीएम मोदी को मुझसे बेहतर देश की जनता जानती है।
शाह ने कहा कि साल 2014 आते-आते देश में राम-राज की परिकल्पना ध्वस्त हो चुकी थी। जनता के मन में ये आशंका थी कि कहीं हमारी बहुपक्षीय लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था फेल तो नहीं हो गई। लेकिन देश की जनता ने धैर्य से फैसला देते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी जी को पूर्ण बहुमत के साथ देश का शासन सौंपा। मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने कई सारे बदलाव लाने का प्रयास किया। बहुत सारे कार्य उन्होंने गुजरात में किए। रिफॉर्म्स, पारदर्शिता पर उन्होंने काम किए। उन्होंने वहां सर्व स्पर्शी और सर्व समावेशक विकास की शुरुआत की।After 1960s & by 2014 people doubted if multi-party democratic system can be successful...People wondered if the system failed, as it didn't yield fruitful results. With great patience they took a decision&gave power to PM Modi with absolute majority: Union HM Amit Shah, in Delhi pic.twitter.com/zKEqSqIl7a
— ANI (@ANI) October 27, 2021
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अमित शाह ने कहा कि 2001 में, भाजपा ने फैसला किया कि नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बनेंगे। यह एक दुर्लभ अवसर था - क्योंकि उन्हें तब तक प्रशासन चलाने का कोई वास्तविक अनुभव नहीं था। कच्छ भूकंप का सामना करने के बाद राज्य काफी दबाव में था। उन्होंने चीजों को बदलने की कोशिश की और विकास और पारदर्शिता पर बहुत काम किया। जब मोदी गुजरात के सीएम बने, तो राज्य में 67% नामांकन और 37% ड्रॉपआउट थे। उन्होंने लिंगानुपात और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम शुरू किया। इसने अंततः 100% नामांकन देखा और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि ड्रॉपआउट अनुपात लगभग शून्य हो जाए।
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