ओमिक्रॉन के मूल स्वरूप से भी तेजी से फैलता है इसका नया वैरिएंट BA.2, एक अध्ययन में हुआ खुलासा

 Omicron

इस शोध के नतीजे ब्रिटेन की हेल्थ एजेंसी की ओर से जारी की गई रिपोर्ट को और विश्वसनीय बनाते हैं। ब्रिटेन की हेल्थ एजेंसी की ओर से भी यह कहा गया था कि ओमिक्रॉन का सबवैरिएंट अपने मूल वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है।

ओमिक्रॉन वैरिएंट का नया स्वरूप इसके मूल स्वरूप से भी तेजी से फैल रहा है। यह बात कोरोना महामारी पर आई नई स्टडी में सामने आई है। इतना ही नहीं अगर कोई पहले ओमिक्रॉन के हल्के लक्षणों से संक्रमित हो गया है तो उसमें नए स्वरूप के लिए ज्यादा प्रतिरोधक क्षमता भी नहीं होगी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इस नई रिसर्च से ओमिक्रॉन से  कोरोना महामारी के अंत की ओर जाने वाली उम्मीदों पर शक पैदा हो गया है। आवाम कोविड की वजह से लगाई गई पाबंदियों से ऊब चुकी है, और सरकारों की तरफ से भी कोविड को इन्फ्लूएंजा की तरह हल्के में लेने की घोषणा एक करने का चलन भी बढ़ रहा है। वैक्सीन की उपलब्धता है और पहले की तुलना में मौतें भी कम हो रही हैं।

 कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के मुताबिक ओमिक्रॉन से शरीर में कितनी एंटीबॉडी बनती है यह बात बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करती है। जो लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं उन्हें ओमिक्रोन से ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं होती लेकिन हल्के किस्म का ओमिक्रॉन मौजूदा वायरस और भविष्य के वायरस के खतरों से बचाव नहीं करता है।

एक अध्ययन में यह बात बताई गई कि  बूस्टर शॉट की तुलना में  प्राकृतिक इंफेक्शन से होने वाले संक्रमण से एक तिहाई प्रोटेक्शन मिलता है। उन्होंने कहा, हमारे नतीजे बताते हैं कि ओमिक्रॉन से मिलने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता शायद भविष्य में आने वाले दूसरे संक्रमण से बचाने में शायद कारगर नहीं होती।

शोधकर्ताओं ने इस बात पर भी जोर डाला की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत है। क्योंकि केवल प्राकृतिक संक्रमण बार-बार होने वाले संक्रमण या नए वेरिएंट के खिलाफ अकेले काम नहीं कर पाएगा।

 

अधिक संक्रामक

एक दूसरे अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि ओमिक्रॉन का ये वैरिएंट अपने मूल स्वरूप से ज्यादा संक्रामक है। अध्ययन में यह बात सामने आई है कि, ओमिक्रॉन की दूसरी पीढ़ी के वायरस BA.2 से 39 प्रतिशत लोग दूसरों को संक्रमित करते हैं। जबकि ओमीक्रॉन के मूल स्वरूप से संक्रमण फैलाने की यह दर 29 प्रतिशत थी। दिसंबर से जनवरी के बीच डेनमार्क में 85,41 घरों से जमा किए गए डेटा पर किए गए अध्ययन के अनुसार यह बात सामने आई है। वैक्सीन के फायदे पर जोर डालते हुए शोधकर्ताओं ने कहा जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी, उन लोगों में दोनों ही तरह के संक्रमण का खतरा ज्यादा था।

इस शोध के नतीजे ब्रिटेन की हेल्थ एजेंसी की ओर से जारी की गई रिपोर्ट को और विश्वसनीय बनाते हैं। ब्रिटेन की हेल्थ एजेंसी की ओर से भी यह कहा गया था कि ओमिक्रॉन का सबवैरिएंट अपने मूल वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है। विश्व स्वास्थ संगठन की ओर से भी पिछले महीने कहा गया था कि ओमिक्रॉन का BA.1 का ही संक्रमण भले ही ज्यादा है। लेकिन अभी के रूझान ये बताते हैं कि BA.2 भारत, साउथ अफ्रीका, तीन और डेनमार्क जैसे कुछ देशों में तेजी से फैल रहा है।

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