विपक्ष ने निगरानी संबंधी आदेश का विरोध किया, कहा: निजी आजादी और निजता पर हमला
यह नागरिकों की निजी स्वतंत्रता पर सीधा हमला है तथा उच्चतम न्यायालय के उस निर्णय का प्रत्यक्ष उल्लंघन है जिसमें कहा गया था कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है।’’
नयी दिल्ली। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने निजी कंप्यूटरों को जांच एजेंसियों की निगरानी के दायरे में लाने के सरकार के आदेश का विरोध करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह नागरिकों की निजी आजादी और निजता पर सीधा हमला है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस आदेश के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार देश को ‘निगरानी राज’ (सर्विलेंस स्टेट) में तब्दील कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संसद भवन परिसर में कई विपक्षी दलों के नेताओं की मौजूदगी में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर घटनाक्रम है। इस आदेश के जरिए भाजपा सरकार भारत को निगरानी राज में तब्दील कर रही है। यह नागरिकों की निजी स्वतंत्रता पर सीधा हमला है तथा उच्चतम न्यायालय के उस निर्णय का प्रत्यक्ष उल्लंघन है जिसमें कहा गया था कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम साथ मिलकर आदेश का विरोध करते हैं। यह हमारे लोकतंत्र में अस्वीकार्य है।’’
Ahmed Patel, Congress on MHA order authorizing agencies for purposes of interception, monitoring of information: The sweeping powers given to agencies to snoop phone calls & computers without any checks and balances is extremely worrisome. This is likely to be misused (file pic) pic.twitter.com/Tvwwd5jXPO
— ANI (@ANI) December 21, 2018
इस मौके पर राजद के मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेयर रॉय, सपा के रामगोपाल यादव और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह मौजूद थे। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कहा, ‘‘अबकी बार, निजता पर वार। मोदी सरकार ने निजता के मौलिक अधिकार का मजाक बनाया है। चुनाव हारने के बाद मोदी सरकार आपके कंप्यूटर की जासूसी कराना चाहती है।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की अनुमति देने का सरकार का आदेश नागरिक स्वतंत्रता एवं लोगों की निजी स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एजेंसियों को फोन कॉल एवं कंप्यूटरों की बिना किसी जांच के जासूसी करने का एकमुश्त अधिकार देना बहुत ही चिंताजनक है। इसके दुरुपयोग की आशंका है।’’
MHA: Competent authority hereby authorizes the following security and intelligence agencies (in attached statement) for purposes of interception, monitoring and decryption of any information generated, transmitted, received or stored in any computer resource under the said act pic.twitter.com/3oH9e7vv6T
— ANI (@ANI) December 21, 2018
इसी विषय पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने निजता को मौलिक अधिकार बताया है। भारत सरकार 20 दिसंबर की मध्यरात्रि में आदेश जारी कर कहती है कि पुलिस आयुक्त, सीबीडीटी, डीआरआई, ईडी आदि के पास यह मौलिक अधिकार होगा कि वे हमारी निजता में दखल दे सकें। देश बदल रहा है।’’ इस आदेश पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा ‘‘प्रत्येक भारतीय के साथ अपराधी की तरह व्यवहार क्यों किया जा रहा है? यह आदेश असंवैधानिक है। यह सरकार द्वारा पारित किया गया है जो प्रत्येक भारतीय पर निगरानी रखना चाहती है।’’ येचुरी ने इसके असंवैधानिक होने की दलील देते हुए कहा कि यह टेलीफोन टैपिंग संबंधी दिशानिर्देशों तथा निजता और आधार पर अदालती फैसले का उल्लंघन करता है।
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आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘भारत में मई 2014 से अघोषित आपातकाल है। अब अपने आखिरी कुछ महीनों में मोदी सरकार नागरिकों के कंप्यूटरों पर नियंत्रण की कोशिश कर सारी सीमाओं को लांघ रही है।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मौलिक अधिकारों पर इस तरह के आघात को बर्दाश्त किया जा सकता है?’’ भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान ने कहा, ‘‘आपातकाल के विरोध का चैम्पियन बनने वालों ने ही अब नागरिकों के निजता के अधिकार को छीनकर न सिर्फ लोकतंत्र को खतरे में डाला है, बल्कि फासीवादी रास्ते पर चल निकले हैं।’’ उन्होंने इस आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि सरकार ने यह कदम उठाकर नागरिकों के अधिकार की ‘नाकेबंदी करने’ की कोशिश की है।
खबरों के मुताबिक गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि खुफिया ब्यूरो, मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), सीबीआई, एनआईए, रॉ, ‘डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस’ और दिल्ली के पुलिस आयुक्त के पास देश में चलने वाले सभी कंप्यूटरों की कथित तौर पर निगरानी करने का अधिकार होगा।
LIVE: Press briefing by @JaiveerShergill on the breach of privacy by Modi government. #ChowkidarJasoosHai https://t.co/APYV4qR6ts
— Congress Live (@INCIndiaLive) December 21, 2018
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