मंत्रियों की संख्या बढ़ गयी, लेकिन कोविड टीकों की नहीं : राहुल गांधी

 राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को केन्द्र सरकार से चुटकी लेते हुए कहा कि मंत्रियों की संख्या बढ़ गयी है लेकिन कोविड के टीके नहीं बढ़े हैं। उन्होंने रोजाना हो रहे टीकाकरण का चार्ट भी साझा किया, जिसके अनुसार, दिसंबर 2021 तक सभी वयस्कों का टीकाकरण पूरा करने का लक्ष्य अभी बहुत दूर है।

नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को केन्द्र सरकार से चुटकी लेते हुए कहा कि मंत्रियों की संख्या बढ़ गयी है लेकिन कोविड के टीके नहीं बढ़े हैं। उन्होंने रोजाना हो रहे टीकाकरण का चार्ट भी साझा किया, जिसके अनुसार, दिसंबर 2021 तक सभी वयस्कों का टीकाकरण पूरा करने का लक्ष्य अभी बहुत दूर है। गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मंत्रियों की संख्या बढ़ी है, वैक्सीन की नहीं!’’ उन्होंने हैशटैग लगाया है ‘टीका कहां है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार में 43 मंत्रियों के शामिल होने के बाद राहुल गांधी ने यह टिप्पणी की है। केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या अब 77 हो गई है। गांधी ने जो चार्ट साझा किया है वह कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को रोकने के लक्ष्य से भारत के टीकाकरण अनुपात का है।

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चार्ट के अनुसार, दिसंबर 2021 तक 60 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य है और इसके लिए टीकाकरण की आवश्यक दर 88 लाख खुराक प्रतिदिन है। हालांकि, चार्ट में यह भी इंगित किया गया है कि पिछले सात दिनों में औसत टीकाकरण 34 लाख खुराक प्रतिदिन है, जो तय लक्ष्य से 54 लाख खुराक कम है। चार्ट के अनुसार, 10 जुलाई को वास्तविक टीकाकरण 37 लाख था जो तय लक्ष्य से 51 लाख खुराक कम था। कांग्रेस नेता ने महात्मा गांधी द्वारा रूपक के तौर पर उपयोग किए गए ऑक्सीजन शब्द को रेखांकित किया और हैशटेग असहमति के साथ केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

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राहुल गांधी ने एक रिपोर्ट साझा की जिसमें बताया गया है कि क्यों स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी ने ‘‘ऑक्सीजन ’’ को रूपक के तौर पर इस्तेमाल किया और आज की तारीख में भारत के लिए इसके क्या मायने हैं? रिपोर्ट में महात्मा गांधी के हवाले से कहा गया है कि विचारों की स्वतंत्रता और संगठन की स्वतंत्रता दो ऐसे फेफड़े हैं जो किसी ऐसे व्यक्ति के लिए बेहद आवश्यक हैं जो आजादी की सांस लेना चाहता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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