ज्वालामुखी मंदिर में पंजाब से श्रद्धालुओं के साथ मारपीट के मामले की जांच डीजीपी संजय कुंडूं के दखल के बाद शुरू
करीब दस लोगों के घायल होने व श्रद्धालुओं का विडियो सोशल मिडिया में आने के बाद कई सवाल उठ खडे हुये हैं। यह वीडियो पंजाब के श्रद्धालुओं ने बनाई है और आप बीती को जाहिर किया है। जिसमें प्रशासन व हिमाचल सरकार से मंदिरों में गुंडातत्वों को तैनात न किए जाने व श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात होने वाले कर्मचारियों को बेहतर व्यवहार व मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है।
ज्वालामुखी। ज्वालामुखी मंदिर में पंजाब से श्रद्धालुओं के साथ परिसर में पुजारी व सुरक्षा गार्ड की मारपीट के मामले की जांच हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडूं के दखल के बाद कांगडा के एसपी ने शुरू कर दी है। पुलिस ने मंदिर के सीसीटीवी के रिकार्ड को भी खंगाला है। व ज्वालामुखी के डीएसपी ने मंदिर का दौरा कर हालात का जायजा लिया हे। सारे मामले का ंसज्ञान लेते हुये डीजीपी ने जांच करने के आदेश कांगडा पुलिस को दिये हैं। हालांकि इससे पहले स्थानीय बार बार यही कह रही थी कि कोई बडा मामला नहीं है।
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लेकिन करीब दस लोगों के घायल होने व श्रद्धालुओं का विडियो सोशल मिडिया में आने के बाद कई सवाल उठ खडे हुये हैं। श्रद्धालुओं से मारपीट व उसके बाद पुलिस की ओर से उनकी कथित सुनवाई न होने व समझौता कर मामला टाल देने का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो पंजाब के श्रद्धालुओं ने बनाई है और आप बीती को जाहिर किया है। जिसमें प्रशासन व हिमाचल सरकार से मंदिरों में गुंडातत्वों को तैनात न किए जाने व श्रद्धालुओं की सुरक्षा में तैनात होने वाले कर्मचारियों को बेहतर व्यवहार व मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है। इस वायरल हो रहे वीडियो से जहां मंदिर प्रशासन पर सवाल उठाए गए हैं वहीं मंदिर में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों पर भी निशाना साधा गया है।
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मारपीट के बाद जब पुलिस तक बात पहुंची तो उन्होंने एक तरफा कार्रवाई कर श्रद्धालुओं से 27 हजार रुपये समझौते के तौर पर लेने की बात भी उजागर की जा रही है। इस वायरल होते वीडियो की सच्चाई की पड़ताल जिला पुलिस कर रही है। लेकिन अब तक कई लोगों तक यह वीडियो पहुंच चुका है और इस वीडियो के कारण देव भूमि हिमाचल प्रदेश शर्मसार हो रही है। हिमाचल प्रदेश की छवि तो खराब हो रही रही है , हिमाचल प्रदेश के लोगों सहित अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं की भावनाएं भी आहत हो रही हैं।
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पंजाब के श्रद्धालुओं ने वायरल वीडियो में कहा कि वह बीते शनिवार को मां चिंतपूर्णी, ज्वालामुखी, कांगड़ा बज्रेश्वरी व चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में मां के दर्शनों को एक बस में इकट्ठे होकर स्वजनों के साथ आए थे। यहां ज्वालामुखी मंदिर में रात आठ बजे के करीब भजन कीर्तन कर रहे थे इस बीच एक सुरक्षा कर्मचारी ने उन्हें बाहर निकल जाने के लिए कहा और अभद्र भाषा का प्रयोग किया। ऐसे में सुरक्षा कर्मी को मर्यादित भाषा में बोलने के लिए कहा। लेकिन कुछेक बिना वर्दी में गुंडा तत्वों को कुछ ही देर में साथ लेकर सुरक्षा कर्मी आया और उनसे मारपीट की।
इस दौरान एक पुजारी भी वहां पहुंचे, पुजारी को भी सुरक्षा कर्मचारी का डंडा लगा। हालांकि मामला शांत हो गया और वह वापस अपनी बस के पास पहुंचे और वापसी के लिए लौटने लगे। लेकिन मामूली चोटें आई थी इसलिए कुछ दूरी पर मरहम पट्टी का सामान खरीद रहे थे तो वहीं सारे लोग बस के पास पहुंच गए और फिर से उनके साथ मारपीट की, जिससे उनके सिर में टांके भी लगे हैं। पुलिस भी पुहंची और उन्होंने पुलिस के सामने कहा इनकी बस नहीं जानी चाहिए और उल्टा आरोप लगा दिया कि पुजारी का सोने का कड़ा आदि भी गुम हो गया है इसलिए इसकी भरपाई करनी होगी। ऐसे में बस में मौजूद स्वजनों से पैसा इकट्ठा करके 27 हजार रुपये पुलिस की मौजूदगी में उन लोगों ने लिए और पुलिस ने भी बयान अपनी मनमर्जी से लेकर समझौता करवा दिया। उन्होंने पंजाब पहुंच कर वीडियो वायरल किया है कि उनके साथ पुलिस प्रशासन ने भी अन्याय किया है। उन्हें न्याय मिलना चाहिए और गुंडातत्व मंदिर में न हों यह सुनिश्चित होना चाहिए।
पुलिस अधीक्षक डाक्टर खुशहाल शर्मा ने बताया कि डीएसपी ज्वालामुखी को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। यह घटना चार दिन पहले की है। श्रद्धालुओं व कुछ अन्य लोगों में आपसी कहासुनी व लड़ाई हो गई थी, जिसमें दोनों ही पार्टियों का मेडिकल करवाया गया था, लेकिन बाद में दोनों ने ही शिकायत न करवाते हुए आपस में समझौता कर लिया। इस मामले में एक वीडियो वायरल हुआ है, उन्होंने भी यह देखा है। पूरे मामले की तफ्तीश के लिए डीएसपी ज्वालामुखी को जिम्मेदारी सौंपी है।
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