'अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है आतंकवाद', SCO की बैठक में बोले अजीत डोभाल- नहीं होना चाहिए इसका वित्तपोषण
अजीत डोभाल ने कहा कि चार्टर सदस्य देशों से संप्रभुता, राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता, बल का उपयोग न करने या अंतरराष्ट्रीय संबंधों में इसके उपयोग की धमकी के लिए पारस्परिक सम्मान रखने और क्षेत्रों में एकतरफा सैन्य श्रेष्ठता की मांग नहीं करने का आह्वान करता है।
दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक चल रही है। इस बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल हुए। अपने संबोधन के दौरान अजीत डोभाल ने आतंकवाद को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक खतरा है। सभी देशों को आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों सहित काउंटर टेररिज्म प्रोटोकॉल के प्रति अपने दायित्व को पूरा करना है।
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अजीत डोभाल ने कहा कि चार्टर सदस्य देशों से संप्रभुता, राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता, बल का उपयोग न करने या अंतरराष्ट्रीय संबंधों में इसके उपयोग की धमकी के लिए पारस्परिक सम्मान रखने और क्षेत्रों में एकतरफा सैन्य श्रेष्ठता की मांग नहीं करने का आह्वान करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में खतरनाक है और इसका वित्तपोषण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। आतंकवाद का कोई भी कार्य, चाहे उसकी प्रेरणा कुछ भी हो, अनुचित है।
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एनएसए ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने और INSTC के ढांचे के भीतर चाबहार बंदरगाह को शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत जून'17 में SCO का सदस्य बना, लेकिन SCO देशों के साथ हमारे संबंध कई सदियों पुराने हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कनेक्टिविटी भारत के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है। हम इस क्षेत्र में निवेश और कनेक्टिविटी के निर्माण में सहयोग करने के लिए तैयार हैं। कनेक्टिविटी का विस्तार करना यह सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है कि ऐसी पहलों का गठन किया जाए।
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