अदालत ने Imran Khan को आतंकवाद के दो मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया
न्यायमूर्ति शहबाज रिजवी और न्यायमूर्ति फारूक हैदर की दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख को 27 मार्च तक आतंकवाद के मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को लाहौर उच्च न्यायालय से तीन मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण प्राप्त किया। इन मामलों में से दो मामले आतंकवाद से संबंधित हैं, जो पिछले सप्ताह इस्लामाबाद में न्यायिक परिसर के बाहर हुई हिंसक झड़प के मामले में उनके खिलाफ दर्ज किए गए थे। न्यायमूर्ति शहबाज रिजवी और न्यायमूर्ति फारूक हैदर की दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख को 27 मार्च तक आतंकवाद के मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया।
खान तोशाखाना मामले में एनएबी की जांच के संबंध में लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) के न्यायमूर्ति बाकिर नकवी के समक्ष भी पेश हुए। अदालत ने उन्हें अगले मंगलवार तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया। अदालत के एक अधिकारी ने सुनवाई के बाद पीटीआई-को बताया, ‘‘खान ने आज अदालत को बताया कि वह अदालत में चुपके से आए, क्योंकि उन्हें अदालत पहुंचने से रोकने के लिए उनके घर के पास भारी संख्या में पुलिस तैनात थी।’’
70 वर्षीय खान ने कहा कि उन्हें किसी भी मामले में पेश होने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अदालत में उनकी पेशी के दौरान सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई अराजकता उत्पन्न न हो। पाकिस्तान में पीएमएलएन के नेतृत्व वाली सरकार के पिछले 11 महीनों में पीटीआई प्रमुख खान के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या बढ़कर लगभग 100 हो गई है। हाल ही में अदालतों में पेश होने के विपरीत, खान जब मंगलवार को यहां जमां पार्क स्थित अपने आवास से एलएचसी गए तो पार्टी कार्यकर्ता उनके साथ नहीं थे।
ऐसा प्रतीत होता है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई तेज करने के बाद पीटीआई ने पार्टी अध्यक्ष के साथ बड़ी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं को एलएचसी भेजने संबंधी अपनी रणनीति मंगलवार को बदल दी। पंजाब और इस्लामाबाद पुलिस ने 500 से अधिक पीटीआई कार्यकर्ताओं को प्रांत के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार पीटीआई कार्यकर्ता लाहौर और इस्लामाबाद में हाल की हिंसा की घटनाओं में वांछित थे। खान आतंकवाद के दो मामलों में एलएचसी के सामने पेश हुए।
ये मामले खान के खिलाफ इस्लामाबाद पुलिस ने दर्ज किये थे। लाहौर से तोशाखाना मामले की सुनवाई में शामिल होने के लिए जब खान राजधानी पहुंचे तो इस्लामाबाद न्यायिक परिसर के बाहर झड़प हुई जिसको लेकर उनके खिलाफ ये मामले दर्ज किए गए। पीटीआई प्रमुख खान एलएचसी के न्यायमूर्ति तारिक सलीम शेख के समक्ष भी पेश हुए। वह एक याचिका के सिलसिले में पेश हुए जिसमें पंजाब प्रांत में उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों की जानकारी दिये जाने का अनुरोध किया गया था।
खान ने न्यायमूर्ति शेख को सूचित किया कि पंजाब सरकार ने उनके (न्यायाधीश) आदेश का उल्लंघन किया और लाहौर में मेरे घर पर हमला किया चूंकि मेरी पत्नी अकेली थी, वह पुलिस हमले के दौरान डर गई।’’ खान ने अदालत से अनुरोध किया कि उनकी याचिका पर पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी और पुलिस महानिरीक्षक के खिलाफ एलएचसी के उनके जमां पार्क आवास पर पुलिस कार्रवाई पर रोक संबंधी आदेश का उल्लंघन करने के लिए मामला दर्ज करने का पुलिस को आदेश दिया जाए।
इससे पहले इस्लामाबाद की एक आतंक-रोधी अदालत (एटीसी) ने मंगलवार को इमरान खान के खिलाफ आतंकवाद के प्रावधानों के तहत दर्ज एक मामले में पेशी से छूट की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। खान के वकील सरदार मसरूफ खान अदालत में पेश हुए। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख की कानूनी टीम ने उनकी ओर से मंगलवार की पेशी से छूट के लिए अनुरोध दायर किया। एटीसी न्यायाधीश राजा जवाद अब्बास के समक्ष पेश वकील नेकहा कि इस्लामाबाद में न्यायिक परिसर में 70-वर्षीय खान की पिछली पेशी पर हुई घटना सभी के आंखों के सामने हुई थी।
वकील ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की आशंका थी। वकील ने कहा कि खान खुद न्यायिक परिसर जाना चाहते थे, लेकिन मौजूदा स्थिति ने इसकी इजाजत नहीं दी। इस्लामाबाद न्यायिक परिसर के बाहर शनिवार को उस वक्त जबर्दस्त झड़पें हुईं, जब खान तोशाखाना मामले की बहुप्रतीक्षित सुनवाई में शामिल होने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे। पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच टकराव के दौरान, 25 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिसके बाद अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने अदालत की सुनवाई को 30 मार्च तक के लिए टाल दिया।
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