अमित शाह के बिहार दौरे से पहले तेजस्वी यादव का सवाल, विशेष राज्य का दर्ज़ा देंगे या नहीं?
तेजस्वी यादव ने अमित शाह के दौरे से पहले बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठा दी हैं। उन्होंने कहा कि अमित शाह आ रहे हैं तो बताइए कि विशेष राज्य का दर्ज़ा देंगे या नहीं? एक बात तो सब के मन में है कि आने का मकसद क्या है?
अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। भाजपा जहां अमित शाह के दौरे को लेकर अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। तो वही बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेता लगातार अमित शाह के दौरे को लेकर भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। आपको बता दें कि अमित शाह 2 दिनों के बिहार दौरे पर जा रहे हैं। वह सीमांचल क्षेत्रों का दौरा करेंगे। सीमांचल में जन भावना महासभा में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा बिहार भाजपा के कोर कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। शुक्रवार को पूर्णिया में जन भावना महासभा का आयोजन होगा। इसके बाद अमित शाह किशनगंज आएंगे जहां पार्टी के सांसदों, विधायकों और पूर्व मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।
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दूसरी ओर राजद अमित शाह के इस दौरे को लेकर पूरी तरह से हमलावर है। राजद की ओर से पहले लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि अमित शाह के बिहार दौरे में कुछ काला तो जरूर है। वह एक दूसरे को लड़ाना चाहते हैं। वहीं, आज तेजस्वी यादव ने अमित शाह के दौरे से पहले बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठा दी हैं। उन्होंने कहा कि अमित शाह आ रहे हैं तो बताइए कि विशेष राज्य का दर्ज़ा देंगे या नहीं? एक बात तो सब के मन में है कि आने का मकसद क्या है? समाज में जहर बोना ही आने का मकसद है। अमित शाह आकर यही बोलेंगे कि जंगल राज आ गया है। इसके साथ ही तेजस्वी ने यह भी कहा कि भाजपा वाले विकास के मुद्दे पर बात नहीं करते हैं।
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इससे पहले तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि हमारा लक्ष्य 2024 में 40 सीट महागठबंधन को जीताना है। मैं अपने सभी लोगों से कहना चाहता हूं कि अब उछल कूद नहीं करना है शांति से अपना काम करना है और लोगों को जोड़ना है। अति पिछड़ा समाज, दलित, अंतिम पायदान के लोग और गरीबों को हमें जोड़ना है। बिहार में लोकसभा के 40 सीटें हैं। 2019 चुनाव में जदयू और भाजपा एक साथ मिलकर लड़े थे। जदयू के खाते में 16 सीटें गई थीं जबकि भाजपा ने 17 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार इस बार बिहार में समीकरण बदल चुका है। भाजपा अकेली हो गई है जबकि जदयू और राजद एक साथ हैं। नीतीश कुमार के भाजपा से अलग होने के बाद पार्टी के किसी बड़े नेता का बिहार का यह पहला दौरा है।
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