अब ऑनलाइन क्लास के दौरान टीचर से पंगा लेना स्टूडेंट्स को पड़ सकता है भारी
डीजिटल तकनीकों की ज्यादा समझ न होने के कारण कई छात्रों ने टीचर के ऑनलाइन क्लास को बाधित करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया। ऐसा भी हुआ है कि ऑनलाइन क्लास के दौरान कई छात्र गायब हो जाते है नहीं तो पढ़ा रहे टीचर के माइक को म्यूट कर देते।
कोरोना महामारी के कारण अब स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई ऑनलाइन हो गई है। इस ऑनलाइन क्लासेस के दौरान जहां टीचर सुबह से शाम तक छात्रों को स्कूल जैसी पढ़ाई देने की कोशिश में जुटे हुए है वहीं ऐसे कई छात्र भी है जो अपनी बदमाशियों से पेश नहीं आ रहे है। बता दें कि जब से कोरोना लॉकडाउन लागू हुआ तभी से ही ऑनलाइन क्लास की भी शुरूआत हुई और ये ऐसे समय मे कई छात्रों के लिए मददगार भी साबित हुई। लेकिन इस बीच ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान छात्रों द्वारा शिक्षकों को धमकाने की भी कई रिपोर्टें सामने आई हैं।
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लक्ष्या अकेडमी की निदेशक छाया भर्गव ने कहा कि शुरुआती दिनों के दौरान, हमें छात्रों के अनियंत्रित व्यवहार सहित विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा। डीजिटल तकनीकों की ज्यादा समझ न होने के कारण कई छात्रों ने टीचर के ऑनलाइन क्लास को बाधित करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया। ऐसा भी हुआ है कि ऑनलाइन क्लास के दौरान कई छात्र गायब हो जाते है नहीं तो पढ़ा रहे टीचर के माइक को म्यूट कर देते। यहीं नहीं कई छात्र अपने रियल नाम की जगह फर्जी नामों से ऑनलाइन क्लास अंटेड करते है जिससे टीचर को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी को देखते हुए एक छात्र ने ओसामा बिन लादेन के फ्रजी नाम से ऑनलाइन क्लास अंटेड की। छाया ने कहा की पहले मूझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन अपने बेटे की मदद से अब सब आ गया है।
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बता दें कि ऑनलाइन क्लास के दौरान ऐसा कई बार हुआ है कि पैरेंट्स अन्य छात्रों के सामने टीचर को गलत ठहराने लगते है। पैरंट्स का ऐसे सभी छात्रों से सामने गलत ठहराना गलत है क्योंकि इससे छात्रों का टीचर के प्रति गलत प्रभाव पड़ता है। साथ ही इससे टीचर पर भी काफी दबाव बनने लगता है। इस तरह के व्यवहार को ठीक करने के उपायों का उल्लेख करते हुए फोर्टिस अस्पताल की सलाहकार और मनोविज्ञान आकांक्षा पांडे कहती है, “ऑनलाइन कक्षा के दौरान अभिभावकों को शिक्षकों के साथ एक अच्छा जुड़ाव रखने की जरूरत है। स्कूल अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह की साइबर कार्रवाई नहीं हो। ”मुंबई के बिलबोंग हाई स्कूल के वाइस प्रिंसिपल अश्लेषा चिटनावी का कहना है कि उनके स्कूल ने ऑनलाइन क्लासेज शुरू करने से पहले ही उपाय अपना लिए थे। इन कक्षाओं में भाग लेने के दौरान छात्रों को आचार संहिता का पालन करना सिखाया गया था। उन्होंने कहा कि "हमने छात्रों के साथ खुली चर्चा की और उन्हें नैतिकताओं और आचरण को सिखाया, जिनका पालन ऐसी ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान किया जाना चाहिए।
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