टंट्या भील अध्ययन केंद्र होगा विकसित, एक करोड़ की लागत से नए भवन का होगा निर्माण

Tantya Bhil Study Center
दिनेश शुक्ल । Dec 2 2020 8:09PM

वही अब इसे और विकसित करने के उद्देश्य से इसका भूमि पूजन का कार्यक्रम 5 दिसंबर 2020 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय के पीछे इंदिरा चौक पर रखा गया है। टंट्या भील अध्ययन केंद्र की स्थापना 4 दिसंबर 2014 को पंधाना विधायक राम दांगोरे ने की थी। अभी इस संस्थान में लगभग 125 से ज्यादा विद्यार्थियों का शासकीय सेवा में चयन हो चुका है।

खंडवा। मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल का एकमात्र कोचिंग संस्थान टंट्या भील अध्ययन केंद्र, जो देश सेवा और जज्बे के लिए जाना जाता है। पिछले 6 वर्षों से आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवा रहा है। वही अब इसे और विकसित करने के उद्देश्य से इसका भूमि पूजन का कार्यक्रम 05 दिसंबर 2020 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय के पीछे इंदिरा चौक खंडवा में पर रखा गया है। टंट्या भील अध्ययन केंद्र की स्थापना 4 दिसंबर 2014 को पंधाना विधायक राम दांगोरे ने की थी। अभी इस संस्थान में लगभग 125 से ज्यादा विद्यार्थियों का शासकीय सेवा में चयन हो चुका है। टंट्या भील अध्ययन केंद्र के द्वारा विद्यार्थियों को सेना और पुलिस की भर्ती के लिए शारीरिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

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वही अब जानकारी के अनुसार इस अध्ययन केन्द्र  में एक लड़को के लिए छात्रावास  होगा जिसमें लगभग 100 विद्यार्थियों के रुकने की व्यवस्था होगी। जिसमें एक रसोईघर भी  संचालित होगी जिसमें सभी विद्यार्थियों को भोजन की व्यवस्था रहेगी। पुरानी इमारत  जिसमें अभी अध्ययन केंद्र की कक्षाएं संचालित होती है, यहां छात्राओं के लिए हॉस्टल की व्यवस्था रहेगी, जो नए भवन से 500 मीटर की दूरी पर है। पूरा भवन वातानुकूलित होगा। 

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संस्थान के संस्थापक और पंधाना विधायक राम दांगोरे ने बताया की समस्त विद्यार्थियों और समिति की इच्छा थी कि हमारा अपना भवन बने। पिछले 6 वर्षों से हम किराये के भवन से संस्था को संचालित कर रहे थे। यह भवन हमारे यहां से शासकीय सेवा में कार्यरत विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों और जन सहयोग से निर्मित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 6 वर्षों तक अध्ययन केंद्र ने किसी भी शासकीय या अन्य कोई आर्थिक सहायता का लाभ नहीं लिया है। 4 दिसंबर को सुबह 8 बजे टंट्या मामा के बलिदान दिवस के अवसर पर पूजन हवन किया जाएगा और 5 दिसंबर को जन प्रतिनिधियों अधिकारियों के साथ इसका भूमि पूजन किया जाएगा। 

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