Tamil Nadu Governor ने धर्मनिरपेक्षता को बताया यूरोपीय अवधारणा, कहा- भारत में इसकी कोई जरूरत नहीं

 Tamil Nadu Governor
@rajbhavan_tn
अभिनय आकाश । Sep 23 2024 6:10PM

आरएन रवि ने बताया कि यूरोप में धर्मनिरपेक्षता का उदय चर्च और राजा के बीच संघर्ष के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के समय संविधान के प्रारूपण के दौरान किसी ने धर्मनिरपेक्षता पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा था।

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने दावा किया कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर भारत के लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई है। उन्होंने कहा कि यह एक यूरोपीय अवधारणा है और भारत में इसकी आवश्यकता नहीं है। कन्याकुमारी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस देश के लोगों के साथ कई धोखाधड़ी की गई हैं और उनमें से एक धर्मनिरपेक्षता की गलत व्याख्या है। राज्यपाल ने पूछा कि धर्मनिरपेक्षता का क्या मतलब है? धर्मनिरपेक्षता एक यूरोपीय अवधारणा है, और यह भारतीय अवधारणा नहीं है। 

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आरएन रवि ने बताया कि यूरोप में धर्मनिरपेक्षता का उदय चर्च और राजा के बीच संघर्ष के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के समय संविधान के प्रारूपण के दौरान किसी ने धर्मनिरपेक्षता पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता एक यूरोपीय अवधारणा है और इसे वहीं रहना चाहिए। भारत में धर्मनिरपेक्षता की कोई आवश्यकता नहीं है। आरएन रवि ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी आलोचना की, जिन्होंने 1976 में संविधान की प्रस्तावना में "धर्मनिरपेक्षता" शब्द को शामिल किया था।

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उन्होंने कहा कि पच्चीस साल बाद, आपातकाल के दौरान, एक असुरक्षित प्रधानमंत्री ने लोगों के कुछ वर्गों को खुश करने के प्रयास में संविधान में धर्मनिरपेक्षता को शामिल किया।

हुआ है। 

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