पटाखों पर नहीं हो सकता पूरी तरह प्रतिबंध, SC ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को बदला
अनुराग गुप्ता । Nov 1 2021 4:55PM
उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया था कि आतिशबाजी पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं है और केवल उन पटाखों पर पाबंदी है जिनमें बेरियम साल्ट होता है।
नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल में त्योहारों के मद्दनजर पटाखों पर प्रतिबंध का मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा। जिसके बाद अदालत ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाश पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पहले ही पटाखों के उपयोग को विनियमित करने का आदेश पारित कर दिया है।
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इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया था कि आतिशबाजी पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं है और केवल उन पटाखों पर पाबंदी है जिनमें बेरियम साल्ट होता है। न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा था कि किसी प्राधिकार को उसके द्वारा जारी निर्देशों के उल्लंघन और उत्सव के नाम पर प्रतिबंधित पटाखों के उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती।Supreme Court sets aside Calcutta High Court's order putting a blanket ban on the sale, purchase and use of all firecrackers in West Bengal during Kali Puja, Diwali celebrations and some other festivities this year to check air pollution amid the COVID-19 pandemic pic.twitter.com/7GyTq5gY6s
— ANI (@ANI) November 1, 2021
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याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पारित पटाखों पर बैन लगाने वाला आदेश पूरी तरह से गलत था, जबकि उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों की अनुमति सीमा में ग्रीन पटाखे जलाने की छूट दी है।
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