SC ने राजद्रोह कानून पर लगाई रोक, लंबित मामलों को रखा जाएगा स्थगित, नए केस नहीं होंगे दर्ज
सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक पुनर्विचार की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तब तक इस धारा के तहत कोई भी नया मामला दर्ज नहीं हो होगा।
नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आईपीसी की धारा 124ए के प्रावधानों पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सभी लंबित मामलों को स्थगित कर दिया है और धारा 124ए के तहत अब कोई भी नया मामला दर्ज नहीं हो सकेगा।
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक पुनर्विचार की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तब तक इस धारा के तहत कोई भी नया मामला दर्ज नहीं हो होगा।
Sedition Law | Supreme Court allows the Central government to re-examine and reconsider the provisions of Section 124A of the IPC which criminalises the offence of sedition. Supreme Court says till the exercise of re-examination is complete, no case will be registered under 124A. pic.twitter.com/xrjHNyLbA6
— ANI (@ANI) May 11, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कि अगर राजद्रोह के तहत मामले दर्ज किए जाते हैं तो पक्ष कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं और कोर्ट को इसका तेजी से निपटान करना होगा। आपको बता दें कि राजद्रोह मामले में बंद कैदी अब जमानत याचिका के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को दी गई राहत जारी रहेगी। धारा 124ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जुलाई में सुनवाई होगी।
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से कहा था कि राजद्रोह के संबंध में औपनिवेशिक युग के कानून पर किसी उपयुक्त मंच द्वारा पुनर्विचार किए जाने तक नागरिकों के हितों की सुरक्षा के मुद्दे पर वह अपने विचारों से अवगत कराए।
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