SC ने राहुल को दी राहत, कहा- अवमानना मामले में व्यक्तिगत रूप से नहीं होना पड़ेगा पेश
आपराधिक अवमानना के इस मामले में न्यायालय ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘चौकीदार चोर है’ की टिप्पणी करते हुये राफेल फैसले पर न्यायालय के नाम से ‘गलत तरीके से बातों’ को कहा था।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनके खिलाफ दायर आपराधिक अवमानना के मामले में मंगलवार को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी। आपराधिक अवमानना के इस मामले में न्यायालय ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘चौकीदार चोर है’ की टिप्पणी करते हुये राफेल फैसले पर न्यायालय के नाम से ‘गलत तरीके से बातों’ को कहा था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि कथित अवमाननाकर्ता को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से इस समय छूट दी जाती है।
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शीर्ष अदालत ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की आपराधिक अवमानना याचिका पर 30 अप्रैल को राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका के साथ ही सुनवाई की जायेगी। राफेल सौदे पर शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिये यह याचिका पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दायर की हैं। पीठ ने इस आपराधिक अवमानना याचिका को बंद करने का कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का अनुरोध ठुकरा दिया है।
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राहुल गांधी को नोटिस जारी करने के शीर्ष अदालत के आदेश के बाद पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने संवाददाताओं से कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष को अपने बयान के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिये अब खुद न्यायालय में पेश होना पड़ेगा। हालांकि, लेखी की अवमानना याचिका पर सुनवाई के कई घंटे बाद शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किये गये आदेश में स्पष्ट किया गया कि 30 अप्रैल के लिये राहुल गांधी को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी गयी है।
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