हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के दोनों जज की राय अलग-अलग, बड़ी बेंच को भेजा गया मामला
पूरी दुनिया सहित भारत में भी पिछले काफी दिनों से हिजाब को लेकर बवाल मचा हुआ हैं। क्या हिजाब पहना क्या इस्लाम में अनिवार्य हैं, क्या हिजाब बैन होना चाहिए, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में फैसला आ गया हैं। क
पूरी दुनिया सहित भारत में भी पिछले काफी दिनों से हिजाब को लेकर बवाल मचा हुआ हैं। क्या हिजाब पहना क्या इस्लाम में अनिवार्य हैं, क्या हिजाब बैन होना चाहिए, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में फैसला आ गया हैं। कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस गुप्ता ने बैन के खिलाफ अर्जी खारिज कर दी हैं। कोर्ट में दोनों जजों के राय अलग अलग थी इस लिए इस मामले को बड़ी बैंच को सौंप दिया हैं। अब इस मामले पर तीन जजों की बैंच इस पर अपना फैसला सुनाएगी।
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उच्चतम न्यायालय कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को बाड़ी बैंच में भेज दिया गया हैं।। शीर्ष अदालत की वाद सूची के अनुसार न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने इस मामले पर अपनी अलग अलग राय रखी। पीठ ने 10 दिनों तक मामले में दलीलें सुनने के बाद 22 सितंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को राज्य के उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग द्वारा कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है।
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