सत्येंद्र जैन को कोर्ट से लगा बड़ा झटका, मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के ED के पास पर्याप्त साक्ष्य
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कहा कि रिकॉर्ड में पेश दस्तावेजों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि प्रथम दृष्टया में उनकी संलिप्तता को लेकर पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। इस प्रकार धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय पीएमएलए की धारा 3 के अंतर्गत अपराध का संज्ञान लिया जाता है।
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी और आठ अन्य के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर शुक्रवार को संज्ञान लिया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया सत्येंद्र जैन की संलिप्तता को लेकर पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं।
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कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया कि वह सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन को आरोपपत्र और अन्य संबंधित दस्तावेजों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराए। तीनों आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कहा कि रिकॉर्ड में पेश दस्तावेजों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि प्रथम दृष्टया में उनकी संलिप्तता को लेकर पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। इस प्रकार धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय पीएमएलए की धारा 3 के अंतर्गत अपराध का संज्ञान लिया जाता है।
कोर्ट ने वित्तीय जांच एजेंसी पर यह टिप्पणी की कि ईडी की चार्जशीट में आरोपी कंपनियों के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में सत्येंद्र जैन के नाम का गलत उल्लेख है। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि सत्येंद्र जैन न तो कंपनियों के निदेशक थे और न ही वह उनसे जुड़े थे। सिर्फ उनका नाम लेने से कंपनियां कैसे सत्येंद्र जैन की हो जाएंगी ?
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जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित
कोर्ट ने मेडिकल आधार पर सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई को 20 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया है। आपको बता दें कि दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की 30 मई को गिरफ्तारी हुई थी।
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