राज्यपाल के अभिभाषण पढ़े बिना सदन से चले जाने को Stalin ने ‘बचकाना’ बताया

Stalin
प्रतिरूप फोटो
ANI

मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने विधानसभा में पारंपरिक अभिभाषण दिए बिना राज्यपाल आर. एन. रवि के चले जाने की कड़ी आलोचना करते हुए इसे ‘बचकाना हरकत’ बताया और उन पर लगातार राज्य के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया। स्टालिन ने आरोप लगाया कि राज्यपाल द्वारा विधानसभा में सरकार का अभिभाषण पढ़ना लोकतांत्रिक परंपरा है।

चेन्नई । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने विधानसभा में पारंपरिक अभिभाषण दिए बिना राज्यपाल आर. एन. रवि के चले जाने की कड़ी आलोचना करते हुए इसे ‘बचकाना हरकत’ बताया और उन पर लगातार राज्य के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया। स्टालिन ने कहा कि सवाल यह पैदा होता है कि ‘‘जब उनमें अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करने की इच्छा नहीं है’’ तो राज्यपाल रवि अपने पद पर क्यों बने हुए हैं।

इस साल विधानसभा सत्र के पहले दिन राज्यपाल रवि के सदन से बाहर चले जाने और सदन में अभिभाषण देने से परहेज करने पर प्रतिक्रिया देते हुए स्टालिन ने कहा कि पिछले वर्षों में, राज्यपाल रवि अपने अभिभाषण में कुछ हिस्सा छोड़ देते थे वहीं कुछ अंश खुद ही जोड़ देते थे। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इस साल, राज्यपाल रवि अभिभाषण पढ़े बिना सदन से चले गए, यह बचकाना है।’’ स्टालिन ने आरोप लगाया कि राज्यपाल द्वारा विधानसभा में सरकार का अभिभाषण पढ़ना लोकतांत्रिक परंपरा है, लेकिन रवि इस परंपरा का उल्लंघन करते रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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