अमृतसर पूर्व में होगा दिलचस्प मुकाबला, सिद्धू और मजीठिया के लिए काफी कुछ लगा दांव पर
शिअद के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के अपने बहनोई और पूर्व मंत्री मजीठिया को पूर्व क्रिकेटर सिद्धू के खिलाफ मैदान में उतारने के बाद इस सीट पर चुनावी जंग दिलचस्प हो गई है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी जगमोहन सिंह राजू को मैदान में उतारा है।
अमृतसर। पंजाब विधानसभा चुनाव में अमृतसर पूर्व निर्वाचन क्षेत्र के चुनावी मुकाबले को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस सीट पर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता विक्रम सिंह मजीठिया के बीच मुकाबला होगा। शिअद के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के अपने बहनोई और पूर्व मंत्री मजीठिया को पूर्व क्रिकेटर सिद्धू के खिलाफ मैदान में उतारने के बाद इस सीट पर चुनावी जंग दिलचस्प हो गई है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी जगमोहन सिंह राजू को मैदान में उतारा है, जिन्होंने तमिलनाडु में 35 साल तक सेवा की, जबकि आम आदमी पार्टी ने जीवनजोत कौर को उम्मीदवार बनाया है।
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सिद्धू और मजीठिया दोनों के लिए यह लड़ाई महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जो पहली बार किसी चुनावी लड़ाई में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं। दोनों नेताओं के बीच वाक्युद्ध पहले ही तेज हो गया है। सिद्धू ने हाल में शिअद नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘वे केवल लूट का खेल खेलने आए हैं, लेकिन इस ‘धर्म युद्ध’ में वे सफल नहीं होंगे, क्योंकि जहां ‘धर्म’ है वहां जीत है।’’
मजीठिया ने भी सिद्धू को अमृतसर लोकसभा सीट से सांसद रहने और बाद में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहने के बावजूद अमृतसर पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में विकास नहीं करने का आरोप लगाया है। मजीठिया ने कहा, ‘‘यह जीत या हार के बारे में नहीं है। यह कर्तव्य के बारे में है और एक अभिमानी व्यक्ति को लोगों से प्यार और सम्मान करना सिखाने का है।’’
मजीठिया ने कहा कि वह अमृतसर पूर्व में विकास की कमी और अधूरे वादों पर ‘‘आरोप पत्र’’ लाएंगे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में भी, सिद्धू के अमृतसर पूर्व से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने के बाद इस विधानसभा सीट के चुनाव पर उत्सुकता से नजर रखी गई थी, जो उस समय पूर्व क्रिकेटर की पत्नी नवजोत कौर के पास थी। इस बार सिद्धू की हार उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है और अगर मजीठिया हारते हैं तो उनका भी राजनीति में कद घटेगा। ऐसे में दोनों नेताओं के लिए जीत काफी मायने रखेगी। मजीठिया की पत्नी गनीव कौर अब अमृतसर की मजीठा सीट से चुनाव लड़ेंगी।
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अमृतसर पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार जीवनजोत कौर ने जुबानी जंग में शामिल होने के लिए सिद्धू और मजीठिया की आलोचना की और सार्वजनिक मुद्दों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। जीवनजोत कौर ने कहा, ‘‘वे (सिद्धू और मजीठिया) केवल एक-दूसरे को अपमानित करने के लिए लड़ रहे हैं और उनका इस निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के मुद्दों और भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं है।’’
अमृतसर पूर्व सीट से मजीठिया के चुनाव मैदान में आने पर कौर ने कहा कि उन्होंने मजीठा विधानसभा क्षेत्र के लोगों को ‘‘धोखा’’ दिया। अमृतसर पूर्व निर्वाचन क्षेत्र, जो काफी हद तक एक शहरी सीट है, परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में आया था। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू 2012 में भाजपा के टिकट पर विधायक बनीं। तीन बार के विधायक मजीठिया 2007 से मजीठा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
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