श्रीनगर में कला संग्रहालय के माध्यम से जान सकते हैं कश्मीरी कला और संस्कृति का इतिहास
एनजीओ से जुड़े नजीर अहमद ने प्रभासाक्षी से बातचीत में कहा कि हमने कश्मीरी कला और विरासत को पुनर्जीवित करने की पहल के रूप में सदियों पुरानी चीजों को प्रदर्शित करने के लिए यह आर्ट गैलरी खोली है।
श्रीनगर के अली कदल इलाके में एक कला संग्रहालय आम जनता के लिए खोला गया है जिसमें कश्मीर की सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत की विभिन्न विधाओं को देखा जा सकता है। 150 साल पुरानी इमारत को हाल ही में मरम्मत के बाद संग्रहालय का रूप प्रदान किया गया है। बताया जाता है कि झेलम नदी के तट पर चार मंजिला यह घर सन् 1850 में एक प्रभावशाली कश्मीरी पंडित द्वारा बनवाया गया था। इस कला संग्रहालय को खुलवाने में हेल्प फाउंडेशन नामक एनजीओ का काफी योगदान रहा।
एनजीओ से जुड़े नजीर अहमद ने प्रभासाक्षी से बातचीत में कहा कि हमने कश्मीरी कला और विरासत को पुनर्जीवित करने की पहल के रूप में सदियों पुरानी चीजों को प्रदर्शित करने के लिए यह आर्ट गैलरी खोली है। उन्होंने कहा कि यहां प्राचीन कलाकृतियों, गहनों, कालीनों, पारंपरिक पोशाकों, मिट्टी और लकड़ी के बर्तनों, तांबे के बर्तनों, संगीत वाद्ययंत्रों और चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। यहां आगंतुकों को यह भी जानने का अवसर मिलेगा कि पूर्व में लोग मनोरंजन के लिए किन साधनों का उपयोग करते थे, खाना बनाने के लिए कैसे बर्तनों का उपयोग करते थे और किस तरह के कपड़े पहनते थे।
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नजीर अहमद ने कहा कि हम चाहते हैं कि स्कूली बच्चे गौरवशाली अतीत के बारे में अधिक जानने के लिए इस जगह का दौरा करें। उन्होंने कहा कि हालांकि हमने इस कला संग्रहालय को खोलते समय जिस तरह से बड़ी संख्या में दर्शकों की उम्मीद की थी, वैसी उत्साहजनक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं देखी है।
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