जासूसी करने संबंधी खबर भारतीय लोकतंत्र की छवि धूमिल करने का प्रयास : वैष्णव
लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिये गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री का यह बयान मीडिया में आई रिपोर्ट के मद्देनजर सामने आया है कि कुछ राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों सहित अनेक भारतीयों की निगरानी करने के लिये पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग किया गया था। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘‘कल रात को एक वेब पोर्टल द्वारा बेहद सनसनीखेज खबर प्रकाशित की गई। यह प्रेस रिपोर्ट संसद के मॉनसून सत्र के एक दिन पहले सामने आई। यह संयोग नहीं हो सकता है। अतीत में वॉट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल करने का दावा सामने आया। इन खबरों का तथ्यात्मक आधार नहीं है और सभी पक्षों ने इससे इनकार किया है।’’ वैष्णव ने कहा कि 18 जुलाई 2021 को आई प्रेस रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र और एक स्थापित संस्थान की छवि को धूमिल करने का प्रयास लगती है।We can't fault those who haven't read the news story in detail & I request all members of House to examine issues on facts & logic: Ashwini Vaishnav, IT Minister on Pegasus Report in #LokSabha before adjournment of proceedings for the day@GoI_MeitY #MonsoonSession2021 pic.twitter.com/2F7YRmXlFA
— Lok Sabha TV (@loksabhatv) July 19, 2021
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गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय कंसोर्टियम ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों। यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई है। हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों पर निगरानी रखने संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा,‘‘ इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है।
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