कांग्रेस की बैठक में बोलीं सोनिया गांधी, माहौल हमारे पक्ष में, इसे बरकरार रखने की जरूरत
गांधी ने मोदी सरकार पर लोकसभा चुनावों में "अपनी महत्वपूर्ण गिरावट" से सही सबक नहीं लेने और "समुदायों को विभाजित करने और भय और दुश्मनी का माहौल फैलाने" की अपनी नीति पर कायम रहने का भी आरोप लगाया।
प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव आने से पहले कांग्रेस संसदीय दल की आज बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में सीपीपी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि "माहौल हमारे पार्टी के पक्ष में है, लेकिन लोकसभा चुनाव में जो गति और सद्भावना पैदा हुई थी, उसे बरकरार रखने की जरूरत है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमें आत्मसंतुष्ट और अति आत्मविश्वासी नहीं बनना चाहिए। मैं यह कहने का साहस करता हूं कि यदि हम लोकसभा चुनावों में देखे गए रुझान को दर्शाते हुए अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो राष्ट्रीय राजनीति में बदलाव आएगा।
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गांधी ने मोदी सरकार पर लोकसभा चुनावों में "अपनी महत्वपूर्ण गिरावट" से सही सबक नहीं लेने और "समुदायों को विभाजित करने और भय और दुश्मनी का माहौल फैलाने" की अपनी नीति पर कायम रहने का भी आरोप लगाया। 77 वर्षीय ने पहली बार सांसदों के लिए एक विशेष संदेश भी दिया, जिसमें उनसे "पूरी तरह से तैयार" रहने, संसद सत्र न चूकने और समिति के कार्यों को "गंभीरता" से लेने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि आप में से कई लोग पहली बार सांसद बने हैं। कल हमारा ओरिएंटेशन प्रोग्राम था। ऐसे और भी मौके आएंगे। मैं बस यह दोहराना चाहती हूं कि हममें से प्रत्येक को पूरी तरह से तैयार रहने की आवश्यकता है। हमें नियमित रूप से संसद में उपस्थित रहना चाहिए, हर समय सतर्क रहना चाहिए और अपनी समिति के कार्यों को गंभीरता से लेना चाहिए।
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने यह भी कहा कि कांग्रेस संसदीय दल को "अधिक व्यापक शोध समर्थन और बैकअप" की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "हमारे पास एक प्रणाली है, लेकिन हमारी बढ़ती संख्या के साथ, इस प्रणाली को जल्द ही मजबूत किया जाना चाहिए।" महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में इस साल के अंत तक चुनाव होने हैं। सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं से लोकसभा चुनाव में उत्पन्न हुई "गति और सद्भावना" को बनाए रखने और "उद्देश्य की भावना के साथ एकजुट होकर" काम करने का भी आग्रह किया।
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बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने हफ्तों तक हुई भारी बारिश के कारण हुए वायनाड भूस्खलन का जिक्र किया, जिसमें अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने झारखंड में मुंबई-हावड़ा मेल के पटरी से उतरने के बाद कुप्रबंधन के कारण हुई "रेलवे दुर्घटनाओं" पर भी प्रकाश डाला, जिसमें दो की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। 77 वर्षीय ने राष्ट्रीय जनगणना कराने में देरी को लेकर प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की, जो 2021 से होनी है।
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