आखिर कब रिहा होंगे जम्मू कश्मीर में नजरबंद नेता? स्थिति स्पष्ट नहीं
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी साफ किया कि जम्मू कश्मीर में नजरबंद लोगों की रिहायी के बारे में कोई भी निर्णय स्थानीय प्रशासन द्वारा जमीनी स्थिति को देखते हुए किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि यह कहना बहुत मुश्किल है कि जो नजरबंद हैं उन्हें कब रिहा किया जा सकता है।
नयी दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित अन्य नेताओं के कुछ और समय तक नजरबंद रहने की संभावना है क्योंकि उनकी रिहायी को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी साफ किया कि जम्मू कश्मीर में नजरबंद लोगों की रिहायी के बारे में कोई भी निर्णय स्थानीय प्रशासन द्वारा जमीनी स्थिति को देखते हुए किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि यह कहना बहुत मुश्किल है कि जो नजरबंद हैं उन्हें कब रिहा किया जा सकता है। अधिकारी ने साथ ही संकेत दिया कि यह हाल के समय में होने की संभावना नहीं है क्योंकि इसको लेकर कोई स्पष्टता नहीं है।
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उमर और महबूबा को अलग-अलग गेस्ट हाउस में रखा गया है, वहीं राज्य के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को उनके घर में नजरबंद रखा गया है। कश्मीर घाटी में अन्य नेताओं को अलग-अलग गेस्ट हाउस में रखा गया है। प्राधिकारियों ने कहा है कि नेताओं को ऐहतियात के तौर पर नजरबंद रखा गया है। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यह नहीं बताया है कि पांच अगस्त से कितने लोगों और नेताओं को नजरबंद रखा गया है। यद्यपि गैर आधिकारिक तौर पर यह संख्या 2000 से अधिक है। गत पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था।
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मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं फिलहाल निलंबित हैं जबकि लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं श्रीनगर के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर अधिकतर स्थानों पर बहाल कर दी गई हैं। कश्मीर घाटी में कुछ स्थानों पर दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान अभी भी बंद हैं। हालांकि किसी अलगाववादी समूह या अन्य संगठन द्वारा हड़ताल का आह्वान नहीं किया गया है।
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