सिब्बल ने पार्टी के नेतृत्व पर उठाए सवाल, कहा- अब किसी और को सौपें कांग्रेस की कमान
उन्होंने कहा हमें वक्त वक्त पर अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा है। जिन राज्यों में हम प्रसांगिक होने के आशा करते हैं, वहां हमारे मतों का प्रतिशत लगभग न के बराबर है। उत्तर प्रदेश में हमारे मतों का प्रतिशत 2.33 है।
पांच राज्यों में मिली चुनावी हार के बाद एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े हो गए हैं। पाइंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने गांधी परिवार से नेतृत्व छोड़ने के लिए कहा है और किसी अन्य नेता को पार्टी की कमान देने की बात कही है।
सिब्बल बोले- घर की कांग्रेस की जगह सबकी कांग्रेस हो
सिब्बल ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि घर की कांग्रेस की जगह सबकी कांग्रेस हो। उन्होंने कहा कि इस बार की परिणामों ने मुझे आश्चर्यचकित नहीं किया क्योंकि मुझे इसका अंदाजा पहले से था। हम 2014 से लगातार नीचे जा रहे हैं। हमने कई राज्यों को खोया है। हम जहां सफल हुए वहां भी अपने कार्यकर्ताओं को एक साथ रख पाने में विफल रहे। इस बीच कांग्रेस से कुछ प्रमुख लोगों का पलायन हुआ है। जिनमें नेतृत्व का भरोसा था वह कांग्रेस से दूर जा रहे थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी नेतृत्व के करीबी लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया। मैं आंकड़े देख रहा था। यह ध्यान रखना वाकई दिलचस्प है कि 2014 से अब तक लगभग 177 सांसद, विधायक के साथ-साथ 222 प्रत्याशी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। हमने इतिहास में किसी दूसरे राजनीतिक दल में इस तरह का पलायन नहीं देखा है।
लोगों तक पहुंचने में असमर्थ हैं
उन्होंने कहा हमें वक्त वक्त पर अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा है। जिन राज्यों में हम प्रसांगिक होने के आशा करते हैं, वहां हमारे मतों का प्रतिशत लगभग न के बराबर है। उत्तर प्रदेश में हमारे मतों का प्रतिशत 2.33 है। यह मुझे आश्चर्य में नहीं डालता। हम मतदाताओं से जुड़ने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा हम सामने से नेतृत्व करने में असमर्थ हैं, लोगों तक पहुंचने में असमर्थ हैं। हमारी पहुंच सार्वजनिक बहस का विषय है। जैसा कि गुलाम नबी आजाद साहब ने कल कहा था कि एक नेता में पहुंच, जवाबदेही और स्वीकार्यता के गुण होने चाहिए। 2014 के बाद से, जवाबदेही का अभाव, घटती स्वीकार्यता और पहुंच बढ़ाने के लिए बहुत कम कोशिशें हुई हैं। यही असली समस्या है। इसलिए चुनावी नतीजों ने मुझे नहीं चौंकाया।
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