Israel-Hamas war के बीच बोलीं शेहला रशीद, भारतीय होना भाग्यशाली, कश्मीर में शांति के लिए मोदी-शाह को दिया श्रेय

Shehla Rashid
ANI
अंकित सिंह । Oct 14 2023 3:39PM

शेहला रशीद ने एक एक्स पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व की घटनाओं को देखते हुए, आज मुझे एहसास हो रहा है कि भारतीय होने के नाते हम कितने भाग्यशाली हैं। भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने हमारी सुरक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया है।

एक समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कट्टर आलोचक रहीं, पूर्व जेएनयू छात्र नेता शेहला रशीद ने कश्मीर में दीर्घकालिक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना, पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा की। यह प्रशंसा चल रहे इज़राइल-हमास संघर्ष के संदर्भ में थी जो शनिवार को आठवें दिन में प्रवेश कर गया और एक बड़े मानवीय संकट में बदल गया है। इसको लेकर शेहला रशीद ने एक एक्स पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व की घटनाओं को देखते हुए, आज मुझे एहसास हो रहा है कि भारतीय होने के नाते हम कितने भाग्यशाली हैं। भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने हमारी सुरक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया है।

इसे भी पढ़ें: Israel-Hamas War को लेकर अब Sharad Pawar ने उठा दिए सवाल, कहा- पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय अपना रहे अलग रुख

इसके साथ ही शेहला रशीद ने कश्मीर में शांति लाने के लिए प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, भारतीय सेना और सुरक्षा बलों को श्रेय दिया। शेहला रशीद पहली बार 2016 में खबरों में आई थीं, जब उन्हें कन्हैया कुमार, जो अब कांग्रेस नेता हैं, और उमर खालिद के साथ 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' करार दिया गया था। 2019 में, शेहला रशीद पर उनके ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया था, जिसमें सशस्त्र बलों पर घरों में तोड़फोड़ करने और कश्मीर में भय का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया गया था। इस साल अगस्त में शेहला रशीद ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम वापस ले लिया था। 

इसे भी पढ़ें: Court ने Sanjay Singh को चेताया, कहा- यदि आप अडानी और मोदी पर भाषण देना चाहते है तो...

याचिका से अपना नाम वापस लेने वाले एक अन्य प्रमुख व्यक्ति शाह फैसल थे जिन्होंने 2019 में राजनीति में शामिल होने के लिए सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया और फिर अपनी पार्टी बनाई। राजनीति में शेहला रशीद का संक्षिप्त कार्यकाल शाह फैसल की पार्टी के साथ था। तीन साल बाद, शाह फैसल सरकारी सेवा में लौट आए क्योंकि उनका इस्तीफा कभी स्वीकार नहीं किया गया और दोनों ने इस साल सुप्रीम कोर्ट की याचिका से नाम वापस ले लिया।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़