Prabhasakshi NewsRoom: Sudan में ऑपरेशन कावेरी की सफलता देख नये भारत की शक्ति से रूबरू हुई दुनिया
जयशंकर ने तुर्किये में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान भारत की ओर से 24 घंटे के भीतर उसे मदद मुहैया कराने के वाकये का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘पिछले एक दशक में, हमने संकट के समय पहली प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में प्रतिष्ठा बनाई है।
यमन, सीरिया और यूक्रेन के बाद भारत ने जिस तरह हिंसाग्रस्त सूडान से भारतीयों को निकाला उससे दुनिया एक नये भारत से परिचित हुई है। यही कारण है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि दुनिया 'नये भारत' की क्षमताओं और उसके योगदान को पहचान रही है तथा पूरी दुनिया में यह भावना प्रबल हो गयी है कि आज के भारत के पास चुनौतीपूर्ण मुद्दों का समाधान करने की क्षमता है। जयशंकर ने कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि दुनिया आज भारत में हो रहे बदलाव को स्वीकार कर रही है। जयशंकर ने भारतीय समुदाय के लोगों के साथ भारत के 'नये भारत' में परिवर्तित होने और इसके वैश्विक निहितार्थों को भी साझा किया। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि कैसे दुनिया नये भारत की क्षमताओं और योगदान को पहचान रही है।
विदेश मंत्री ने यूक्रेन संघर्ष या विकसित दुनिया और विकासशील दुनिया से संबंधित समस्याओं का हवाला देते हुए प्रवासी भारतीयों से कहा, ‘‘इन सबके बीच हर तरफ आज यह भावना है कि भारत एक ऐसा देश है, जो किसी न किसी रूप में एक ऐसे सेतु का काम कर सकता है, जो अलग-अलग विचारों को एक साथ लाता है और समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करता है।’’ जयशंकर ने तुर्किये में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान भारत की ओर से 24 घंटे के भीतर उसे मदद मुहैया कराने के वाकये का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘पिछले एक दशक में, हमने संकट के समय पहली प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में प्रतिष्ठा बनाई है। जब कुछ होता है तो हम तेजी से आगे बढ़ते हैं, क्योंकि हमने देश के भीतर अपनी क्षमता विकसित कर ली है और अब हमें लगता है कि हम काफी अच्छे हैं, काफी अनुभवी हैं और बाहर ऐसा करने के लिए पर्याप्त रूप से जिम्मेदार हैं।’’
जयशंकर ने विदेशों में रह रहे भारतीयों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में भी बात की। उन्होंने प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि विदेशों में भारत की छवि समुदाय के लोगों ने बेहतर बनाई है। ऑपरेशन कावेरी के बारे में भी उन्होंने कहा कि हम एक-एक भारतीय को सुरक्षित निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम आपको बता दें कि सूडान में फंसे भारतीयों को अब तक बड़ी संख्या में निकाल लिया गया है। इसके साथ ही सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने के अभियान ‘ऑपरेशन कावेरी' के तहत भारत ने जेद्दा में पारगमन सुविधा स्थापित की है जहां से भारतीयों को देश में लाया जाना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे भारतीयों की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘‘भारत अपनों का स्वागत करता है। ऑपरेशन कावेरी के तहत पहली उड़ान नयी दिल्ली पहुंची और 360 भारतीय नागरिक अपनी सरजमीं पर उतरे।’’ दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर सऊदी अरब की एयरलाइन सऊदिया से लोग उतरे तो उनके चेहरे पर मुस्कान देखी जा सकती थी। वे पिछले कुछ दिन से तनावपूर्ण हालात में जी रहे थे। कई लोग राहत के साथ हाथ हिलाते हुए देखे गये। सभी ने भारत सरकार के प्रयासों को सराहा।
हम आपको बता दें कि भारत ने हिंसाग्रस्त सूडान से अपने 278 नागरिकों के पहले जत्थे को आईएनएस सुमेधा के जरिये निकाला और वहां फंसे शेष भारतीयों के लिए जरूरी राहत सामग्री पहुंचायी। इसके कुछ ही घंटे बाद भारतीय वायु सेना का परिवहन विमान सी130जे ‘पोर्ट सूडान' में उतरा ताकि और भारतीय नागरिकों को वहां से निकाला जा सके। इसके बाद अन्य सी130जे विमान से नागरिकों को निकाला गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर के अनुसार, पहले सी130जे विमान के माध्यम से 121 नागरिकों को और दूसरे विमान से 135 लोगों को बाहर निकाला गया।
ज्ञात हो कि सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए भीषण संघर्ष जारी है। पिछले 12 दिनों से जारी भीषण लड़ाई में 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। सूडान में दोनों पक्षों के 72 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमत होने के बाद भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिये हैं। विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन ने निकासी अभियान के बारे में कहा था कि सूडान के बंदरगाह और जेद्दा में जरूरी आधारभूत ढांचा तैयार किया गया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूडान से 3000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने की आपातकालीन योजनाओं की तैयारी के निर्देश दिये थे। बता दें कि एक सप्ताह पूर्व एस. जयशंकर ने भारतीयों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र के अपने समकक्षों से बात की थी। उन्होंने पिछले बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ बात की थी।
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