सिंधिया बोले व्यक्ति छोटा या बड़ा जन्म व पद से नहीं, कर्म से बनता है
दिनेश शुक्ल । Feb 27 2021 10:28PM
जीवन में हमेशा अच्छे कर्म करना चाहिए, फल की आशा भी रखना चाहिए। क्योंकि कर्म हमारा धर्म है और फल सौभाग्य। प्रतिस्पर्धा में हम तभी शक्तिशाली बनेंगे, जब लाइन बनाकर साथ चलेंगे।
ग्वालियर। रविदास जी केवल संंत ही नहीं, महान दर्शनशास्त्री, कवि और समाज सुधारक थे। उनके बताए रास्ते पर लोग आज भी चल रहे हैं। व्यक्ति छोटा या बड़ा जन्म व पद नहीं कर्म से बनता है। जीवन में हमेशा अच्छे कर्म करना चाहिए, फल की आशा भी रखना चाहिए। क्योंकि कर्म हमारा धर्म है और फल सौभाग्य। प्रतिस्पर्धा में हम तभी शक्तिशाली बनेंगे, जब लाइन बनाकर साथ चलेंगे। यह बात शनिवार को अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के तत्वावधान में संत रविदास जयंती पर आयोजित मूर्ति अनावरण एवं सम्मान समारोह में राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्य अतिथि के रूप में कही।
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इस दौरान ग्वालियर से लोकसभा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि भारतीय संस्कृति में संतों की भूमिका रही है। कुछ तथाकथित लोग बाबा साहेब व अन्य संतों के नाम पर संस्कृति से तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। अगर हम अपनी जड़ों से कट जाएंगे तो बहुत नुकसान होगा। धर्म और कर्तव्य का निर्वहन करना हम सबकी जि मेदारी है। हम सभी समाज को जोड़ने का काम करें।
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इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद विवेक नारायण शेजवलकर व सह अध्यक्षता जीडीसीए के अध्यक्ष प्रशांत मेहता ने की। अति विशिष्ट अतिथि ऊर्जा मंत्री प्रद्यम्न सिंह तोमर, विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व मंत्री इमरती देवी, विधायक जसपाल सिंह जज्जी, रक्षा सिरोनिया, कमलेश जाटव, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, रणवीर जाटव, रमेश अग्रवाल, मदन कुशवाह, जसमंत जाटव, डीन मेडीकल कॉलेज दतिया डॉ. राजेश गौर व पूर्व डायरेक्टर जेल आशीष प्रताप सिंह राठौड़ मौजूद रहे। वहीं अजाक्स के जिलाध्यक्ष चौ. मुकेश मौर्य ने संगठन द्वारा किए गए कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कृष्णा सिंह और आभार ऊषा मौर्य ने व्यक्त किया। इनके अलावा डॉ. नवीन नागर, जगदीश राजौरिया, इंजी. हेमन्त घुरैया, झडा सिंह गोयल, कमलेश जाटव, डॉ. सुहेल कुरैशी, गुड्डू वारसी मौजूद रहे।
परमात्मा के बिना मानव का कोई अस्तित्व नहीं होता।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) February 27, 2021
संत रविदास जी के द्वारा दिखाए गए पथ पर चलने का अगर संकल्प लिया हैं तो केवल आरती और माल्यर्पण नहीं बल्कि आत्मा की शुध्दता औऱ उनके दिखाए गए पथ पर चलकर अपने जीवन शैली में परिवर्तन लाकर दिखाना होगा। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। pic.twitter.com/nCGp0oIOU9
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