गुजरात की दो रास सीटों पर अलग-अलग उपचुनाव मामले पर SC कल करेगा सुनवाई
कांग्रेस का आरोप है कि केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा निर्वाचन आयोग कार्यालय का अपने राजनीतिक प्रचार के लिये इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि निर्वाचन आयोग की कार्रवाई पूरी तरह से दुराग्रहपूर्ण और मनमानी है। कांग्रेस ने गुजरात की दोनों रिक्त सीटों के लिये एक साथ चुनाव कराने की मांग की है क्योंकि अलग अलग चुनाव होने पर सत्तारूढ़ दल होने के कारण भाजपा को दोनों स्थानों पर जीत हासिल करने की स्थिति में होगी।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि गुजरात में रिक्त हुई राज्यसभा की दो सीटों पर अलग-अलग उपचुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर बुधवार को सुनवाई की जायेगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी की वरिष्ठ नेता स्मृति ईरानी के क्रमश: गांधीनगर और अमेठी से लोकसभा पहुंचने के बाद गुजरात से राज्यसभा की दो सीटें खाली हो गई हैं।
इसे भी पढ़ें: कांग्रेस ने गुजरात की दो राज्यसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव कराने की मांग की
न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अवकाश पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। पीठ ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि इसपर 19 जून (बुधवार) को सुनवाई की जायेगी। अमरेली से कांग्रेस विधायक और गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेशभाई धनानी ने न्यायालय में याचिका दायर कर दोनों उपचुनाव साथ कराने का निर्देश चुनाव आयोग को देने का अनुरोध किया है।
इसे भी पढ़ें: गुजरात में भाजपा के खेल में फँस गई कांग्रेस, अमित शाह को यूँ ही चाणक्य नहीं कहते
चुनाव आयोग की ओर से 15 जून को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दोनों सीटों के लिए चुनाव पांच जुलाई को ही होने हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि राज्यसभा सहित दोनों सदनों की सभी रिक्तियों पर उपचुनाव के लिए उन्हें ‘अलग-अलग रिक्तियां’ माना जाएगा और अलग-अलग अधिसूचना जारी की जाएगी तथा चुनाव भी अलग-अलग होंगे। हालांकि इनका कार्यक्रम समान हो सकता है।
इसे भी पढ़ें: गुजरात से राज्यसभा की रिक्त दोनों सीटों पर एक साथ हों चुनाव: सिंघवी
लोकसभा चुनाव के बाद नयी सरकार में अमित शाह गृह मंत्रालय और स्मृति ईरानी को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का प्रभारी बनाया गया है। धनानी ने अपनी याचिका में निर्वाचन आयोग के आदेश को असंवैधानिक, मनमाना और गैरकानूनी घोषित करते हुये इसे रद्द करने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि आयोग के इस आदेश से संविधान के अनुच्छेद 14 का हनन होता है। उन्होंने निर्वाचन आयोग को उपचुनाव एकसाथ कराने और गुजरात सहित सभी राज्यों में सारी रिक्त सीटों के लिये साथ में चुनाव कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
इसे भी पढ़ें: वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व राज्यसभा सांसद राजनाथ सिंह सूर्य का निधन
इस विधायक ने अपनी याचिका में कहा है कि गुजरात में राज्य सभा की दो सीटों के लिये अलग अलग चुनाव जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत प्रदत्त आनुपातिक प्रतिनिधित्व की योजना का संतुलन बिगाड़ेगा। याचिका में कहा गया है कि संविधान और जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत यह बुनियादी सिद्धांत है कि यदि चुनाव के समय नियमित रिक्तियां हैं तो इसे एकसाथ कराया जाना चाहिए ताकि इन चुनावों में एकल हस्तांतरित मत के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व व्यवस्था लागू की जा सके। गुजरात की 182 सदस्यीय विधान सभा में भाजपा के 100 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के 75 सदस्य हैं जबकि सात स्थान रिक्त हैं।
इसे भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल राज्यसभा में सदन के उपनेता नियुक्त
कांग्रेस का आरोप है कि केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा निर्वाचन आयोग कार्यालय का अपने राजनीतिक प्रचार के लिये इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि निर्वाचन आयोग की कार्रवाई पूरी तरह से दुराग्रहपूर्ण और मनमानी है। कांग्रेस ने गुजरात की दोनों रिक्त सीटों के लिये एक साथ चुनाव कराने की मांग की है क्योंकि अलग अलग चुनाव होने पर सत्तारूढ़ दल होने के कारण भाजपा को दोनों स्थानों पर जीत हासिल करने की स्थिति में होगी। निर्वाचन आयोग ने 15 जून को दिल्ली उच्च न्यायालय के 1994 और 2009 के दो फैसलों का हवाला दिया है जिसमें जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के तहत एक ही राज्य में अलग अलग उपचुनाव कराने की व्यवस्था का समर्थन किया था।
Supreme Court agrees to hear tomorrow a plea of Gujarat Congress leader Pareshbhai Dhanani against the decision of Election Commission to hold separate bypolls on two Rajya Sabha seats which fell vacant from the state following election Union Ministers Amit Shah and Smriti Irani. pic.twitter.com/aUJ7MCdsZU
— ANI (@ANI) June 18, 2019
अन्य न्यूज़