योगी पर ट्वीट कर गिरफ्तार हुआ पत्रकार, SC ने कहा- फौरन रिहा करो UP सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पोस्ट शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पोस्ट शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का आदेश दिया है। पत्रकार की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि ट्वीट के लिए गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी। मंगलवार को पत्रकार की पत्नी की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि एक नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता है, उसे बचाए रखना जरूरी है। इसके साथ ही प्रशांत कनौजिया की पत्नी को मामले को हाईकोर्ट ले जाने को कहा है।
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गौरतलब है कि ‘इश्क छुपता नहीं छुपाने से योगी जी’, यह टिप्पणी करते हुए पत्रकार प्रशांत कनौजिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से छह जून पोस्ट के साथ एक युवती का वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें युवती यूपी सीएम के कार्यालय के बाहर खड़ी होकर खुद को योगीजी की प्रेमिका बता रही थी। साथ ही उनके लिए लव लेटर लेकर पहुंची थी। इस वीडियो को प्रशांत के प्रोफाइल से करीब 95 हजार दफा देखा गया तो वहीं इसे करीब चार हजार लाइक और 15 सौ से अधिक रीट्वीट्स भी मिले थे। जिसके बाद इस सम्बन्ध में लखनऊ के हज़रतगंज थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई है और प्रशांत कनौजिया पर आईटी एक्ट की धारा 66 और मानहानि की धारा (आईपीसी 500) लगाई गई। कनोजिया को लखनऊ पुलिस ने शनिवार को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया था। पत्रकार की पत्नी जिगीशा अरोरा ने कनौजिया की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। जिसको लेकर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला दिया।
Supreme Court orders immediate release of freelance journalist, Prashant Kanojia who was arrested by UP Police for 'defamatory video' on UP Chief Minister. pic.twitter.com/OTr47uEVSu
— ANI (@ANI) June 11, 2019
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